Wednesday, 5 December 2018

सफ़ेद रुई से हल्के !!!

कल ठीक इसी समय यहाँ बर्फ़ गिर रही थी ।ठंड में यहाँ बर्फ़ का गिरना कोई अद्भुत बात नही ।ऐसा भी नही था की कल इस मौसम का पहला बर्फ़ गिरा हो ,फिर भी मुझे कल कुछ अलग लग रहा था ।बर्फ़ के फ़ाहे जैसा मेरा मन भी उड़ रहा था ।
कोक स्टूडियो वाली प्ले लिस्ट लगा कर मैं घर के कुछ कामों में लग गई ।सत्यार्थ की सेवा के बाद ,नहाने गई ।बाथरूम का दरवाज़ा पीट-पीट कर सत्यार्थ शांत हो गया था ।मन में कई आशंकाओं की बीच जितनी जल्दी हो सका बाहर आती हूँ । आती हूँ तो ,सत्यार्थ खिड़की के पास खड़ा रेन -रेन कह रहा था ।मैं उसके पास गाई ,खिड़की से देखा तो बर्फ़ गिरने लगी थी ।मैंने उसे कहा ,रेन नही स्नो ।वो नो -नो करके सोफ़े के सिर पर चढ़ गया ।वहाँ से बाहर देखने लगा ।
मैं भी कुछ देर खड़ी हो गई ।

इधर कोक स्टूडियो से गाने “ मेंहदी हसन” जी के नम्बर तक पहुँच गये थे ।घर गूँज रहा है “रंजीश हीं सही .....
आचानक से इस गाने का बजना ,या जाने उनकी आवाज़ का जादू या मौसम ,मेरा मन बर्फ़ की तरह गिरने लगा ।बालों से कुछ बूँदे गर्दन पर गिरी या आँखो से मालूम ही नही चला ।

खिड़की के पीछे मैं बालों को सूखाने लगी और बाहर ,बर्फ़ घरों को ,पेड़ों को ,सड़कों को नम बना रहे थे ।उनकी सफ़ेद नमी कितनी सुंदर लग रही थी ,इधर मेरे बालों की नमी ,नीले टी शर्ट पर चकता बना रहे थे ।

मन कर रहा था छोड़ दूँ आपने क़तरे -बिखरे गीले बालों को यूँ ही ।टपकने दूँ बूँदे यूँ ही ।
पर क्या हो जो टी -शर्ट चकतों से भर जाए ?
पर क्या हो जो ज़ुकाम हो जाय ?
क्या हो जो सत्यार्थ मेरे बालों से खेलने लगे ?
क्या हो जो शतेश अभी घर आ जाएँ ?
और क्या हो जो ,”मेरे बालों में बर्फ़ जम जाए”
सफ़ेद रुई से ।

Monday, 3 December 2018

पोर्ट रीको यात्रा की अंतिम और अद्भुत कड़ी !!!

पोर्ट रीको यात्रा की अंतिम और अद्भुत कड़ी ।
मैंने कभी पढ़ा था “ट्रॉपिकल रेन फ़ॉरेस्ट “ कभी पढ़ा था “बीयोलमिनेसेंस “पर इतने सालों में इनकी यादें धुँधली हो गई थी ।
जब मालूम हुआ की इस जगह पर ये दोनो हीं है ,फिर तो मेरे टॉप अट्रैक्शन में ये दोनो शामिल हो गए ।

पूरे विश्व में सिर्फ़ पाँच बीयोलमिनेसेंस है ,जिसमें तीन तो पोर्ट रीको में हीं है ।सबसे सुंदर तो पोर्ट रीको के वीकुएस आइलैंड पर है पर वहाँ रुकने का कोई ठिकाना ना मिल पाने के कारण “लाजस के बायो वे “ गए ।

*बीयोलमिनेसेंस -लाइट का प्रोडक्सन सिंगल सेल या लिविंग ऑर्गनिजम के द्वारा होता है ।जैसा कि जुगनुओं में होता है ।घुप अंधेरे में ये और भी ख़ूबसूरत दिखते है ।
हमने उस हिसाब से छुट्टी प्लान कि थी कि जब अंधरिया रात हो ।
यहाँ जाने का सबसे ज़्यादा प्रचलित तरीक़ा क्यांक है लेकिन हमलोगो ने बोट लिया था ।एक ही बोट है इस टूर के लिए “पैरडायज स्कूबा “ की ।रात के अंधेरे में हमलोग कुछ दस लोग निकले समंदर की सुंदरता देखने ।सबसे छोटा सत्यार्थ था  ।सबकी नज़र इस पर थी कि दौड़ भाग में पानी में गिर ना जाए ।सारे अनजान लोग पर ,इतना प्रेम सच में अद्भुत है ये जगह ।

कुछ आधे घंटे पैतालीस मिनट बाद हम उस जगह पर पहुँचे जहाँ ये अद्भुत नज़ारा देखना था ।पानी में हाथ या पैर डाल कर हिलाने पर लाखों बिजलियाँ चमक उठती ।मैं उस अनुभव को शब्दो में ठीक से बया नही कर सकती ।बोट के मालिक ने सबको चेतावनी दी कि पानी में ज़्यादा दूर ना जाए।मैं ,शतेश ,सत्यार्थ और बोट के मालिक के साथ उसका हेल्पर बोट पर रुक गए ।हम बोट की सीढ़ी पर बैठ बारी -बारी इसका आनंद लेते रहे । आप में ये सबसे ख़ूबसूरत चीज़ थी जो मैंने अनुभव किया ।

दूसरा “ईआई यूँकुये ट्रॉपिकल रैन फ़ॉरेस्ट “ 28000 एकड़ में फैला ये वन ,”वॉटरफ़ॉल ,तरह -तरह के पेड़ -पौधे ,जीव -जंतु से भरा है “।हेरिकेन के बाद इस वन की बहुत ज़्यादा क्षति हुई और लगभग एक चौथाई वन बंद है अभी ।साथ ही विजीटोर सेंटर भी बंद पड़ा है ।इस वन में नेट्वर्क भी नही लगता ।आप लोगों की मदद से आगे बढ़ सकते है ।साथ ही यहाँ जाने से पहले मच्छर ,किट-पतंगो से बचने वाला लोशन ज़रूर ले ।हमने वहीं के एक छोटे से दुकान से लिया ।बाक़ी आप पैदल भी इस वन को घूम सकते है अगर स्टेमीना है तो ।

लस्ट बट नोट लिस्ट,यहाँ के ऑर्ट हाउस ,म्यूसियम और कोफ़ी शॉप,और अमेरिका का दूसरा सबसे पुराना चर्च  ।हम एक  हीं म्यूसियम जा पाए “मसेओ दे लॉस” कभी ये वर्ल्ड वार दो के समय सैनिकों का ठिकाना था ,इसके एक हिस्से में उनका इलाज भी होता था ।पर इसका भी आधा हिस्सा अभी बंद था हरिकेन की तबाही के बाद ।एंट्री टिकेट पाँच डॉलर है ।निचले तले पर खाने -पीने की दुकान है ,ऊपर आपको म्यूसियम मिलेगा ।