Wednesday 6 January 2016

कह के लेंगे की मिस्ट्री !!!

आज के ब्लॉग में किसी भी धर्म ,जाति को अपमानित करने का मेरा बिल्कुल कोई इरादा नही है।ये एक मात्र एक संयोग हो सकता है।या फिर कभी -कभी इरादे बदल भी तो जाते है।तो कथा शुरू करते है। हुआ यूँ की इन्द्रलोक में सभा लगी थी।हमेशा की तरह इंद्र रास -रंग में डुबे थे।पर आज मजा नही आ रहा था।दरबारी भी ऊँघ रहे थे।अप्सरायें भी बिना मन के नागिन वाला ड्रेस पहन के नाच रही थी।राग -रागनियाँ भी भक्ति प्रेमरस गा -गा के ऊब चुकी थी।सभा की ऐसी हालत देख इन्द्र परेशान हो गए।तुरंत नारद को बुलाया समाधान के लिए।इंद्र नारद से बोले , हे मुनिवर! आप तो दुनिया भ्रमण करते है।कोई ऐसा नृत्य -संगीत बताइये जो मेरी सभा में रौनक ला सके।मै ऊब चूका हूँ ता -थैया -थैया - देख सुन कर।नारद बोले मेरा काम तो इधर की उधर करना है। माने सुचना लीक करना है।पर इसका एक समाधान है।आप पैगम्बर मुहम्मद साहेब और ईशु मसीह के यहाँ दूत भेज दे।मै दुनिया भ्रमण करता हूँ।देखता हूँ ,इनकी बिरादरी के लोग भी खूब झूमते -गाते है।इंद्र बोले क्षमा करे मुनिवर ईशु को तो बुला लूँ ,पर मुहम्मद साहेब को नही बुला पाउँगा।सभा के देव गण की तलवारे खींच जाएँगी।नारद बोले कोई बात नही।ईशु के यहाँ ही दूत भेजे दे।कुछ देर बाद ईशु अपने कुछ फॉलोवर के साथ आये।जितनी उनको हिंदी आती थी ,उतनी ही इंद्र को इंग्लिश।वो क्या है ना देवता गण शुरू से रीजीड रहे।कुछ बदलाव ही नही किया।ना खुद में ना अपनी टेक्नोलॉजी में।हमारा  "पी के" तो हाथ पकड़ कर लोगो की लैंग्वेज सीख जाता है। कृष्णा कभी सैक्सोफोन बजाते है? विष्णु जी आज के ज़माने में भी चक्र लिए हुए है।ईशु को ही देखिए टंगे है कबसे।ऊतर जैइये ना अब।कब तक टंगे रहेंगे? कुछ लोग तो दरगाह में सोये -सोये थक गए होंगे।पर उठेंगे नही।चाहे दुनिया तबाह हो जाये।खैर देवगण और फॉलोवर ने आपस में हाय -हेलो किया।मुश्किल से वरुण देव बोले ईशु योर सॉन्ग लर्न।अग्नि देव ने थोड़ा सही किया योर कंट्री सॉन्ग।नारद जी और करेक्ट करके बोले पॉपुलर सांग इन योर कंट्री।जीसस के फॉलोवर गाने लगे "जीसस लाइट ऑफ़ द वर्ल्ड शाइन अपॉन अस, गा ही रहे थे कि ,इंद्र बोले नो जीसस सॉन्ग।ओनली फन सॉन्ग।एंड डोन्ट सिन्ग, ऐक्ट टू।ताकी हमलोग समझ सके।फॉलोवर ने आपस में बात की और "लेडी गागा "का  "बोर्न दिस वे "गाने और एक्ट करने लगे।इंद्र नारद की तरफ देखे।बोले ये कर क्या रहे है ? नारद बीच में बोले अदर सॉन्ग प्लीज।फॉलोवर सोचे कोई न्यू सॉन्ग सुनाते है।शायद इनको अच्छा लगे।उन्होंने "निक्की मिनाज" का "एनाकोंडा" गाना और ऐक्ट शुरू किया।इंद्र तो मजे ले रहे थे।पर सभा गण ने इसे सभा का अपमान समझा और गाना बंद करने को बोला।सब एक स्वर में बोले हमें पत्थरो पर अश्लीलता मंजूर है ,पर सामने नही।माने अजंता- एलोरा जीसस।माफ़ी माँग कर जीसस चले दिए।इंद्र ने कहा मुनिवर भारत भूमि पर कोई ऐसा गाना नही जो मन को भाये ?नारद बोले तो चलिए मेरे साथ आप भी।साथ मिलकर गाने की खोज करेंगे।इंद्र बोले कहाँ जाना ठीक होगा ? नारद बोले देश की राजधानी ही चल लेते है।देवराज अगर वहाँ गाना नही मिला तो भी, कुछ सफ़ेद कुर्ते वाले एक भवन में मनोरंज करते है।वही चल लेंगे।हमारे पास तो रथ है।जिसका कोई नंबर भी नही।किसी दिन भी जा सकते है।इंद्र बोले अगर गाना पसंद आ गया तो ? किसी लेखक को साथ ले लेते है।लिख लेगा।नारद जी ने वाल्मीकि का नाम सुझाया।वाल्मीकि जिसने रामायण लिखा था।तीनो पहुँचे दिल्ली।एक चाय के दुकान पर गाना बज रहा था।जिसका संगीत उन्हें अच्छा लगा।वो उसी दूकान की तरफ पहुँचे।चाय वाला "शतेश शुभ्रांशु " नाम के एक युवक को चाय दे रहा था।चाय पीते हुए शतेश नामक युवक बोला।अरे ये गाना! तो अमेरिका तक फेमस हो गया है भाई।हम दोस्त यार कभी मिले तो सुन ही लेते है।चाय वाला खुश होकर बोला क्या बात करते हो भाई ? सब "पवन सिंह" की महिमा है।ये सब बाते इंद्र ,नारद ,बाल्मीकि सुन रहे थे।पवन सिंह का नाम सुनके उन्हें लगा गाना जरूर अच्छा होगा।पवन सूत का नाम जो है।वो चाय वाले से पूछे,"सेवक" ये कौन सा गीत है ? चाय वाला सेवक सुनकर भड़क गया।बोला ससुरे नाच- पार्टी ,डरामा वाले हमको सेवक कहते हो? शतेश नामक युवक ने बीच -बचाव किया।बोला जाने दो भाई लगता है ,अपने कैरेक्टर में घुसे हुए है।चाय वाला भी बोला हाँ हो सकता है।पूछा तुमलोग का नाम क्या है ,यहाँ कैसे ? इंद्र बोले मै देवराज इंद्र।चाय वाला चकित होकर  बोला आज भी लोग ऐसे नाम रखते है का भाई ? इंद्र को झेंपता देख मुनिवर बोले ,मै नारद।चाय वाला शतेश नामक युवक की तरफ देख जोर से हँसते हुए बोला ,देख रहे हो भईया।हमलोग तो नारद को आग लगावन कहते है।वाल्मीकि बीच में बोले मै बाल्मीकि।चाय वाला हँसना छोड़ पीछे हटते हुए बोला ,का भाई डोम हो का ? स्तिथि को समझते हुए शतेश बोला अरे भाई ये लोग नाटक करने वाले लग रहे है।चाय पिलाओ जाने दो।मै भी चलता हूँ।नारद बोले जो गाना अभी बज रहा था ,वो हमे सुनाओगे क्या ? चाय वाला बोला भोजपुरी गाना है।बजा देता हूँ।तबतक चाय पियो।नारद बाल्मीकि की तरफ देख के बोले अच्छा हुआ तुम्हे लाये।वरना भोजपुरी कैसे समझते ? तुम तो कुछ समय बिहार में गुजार चुके हो ,तुम्हे आती होगी भोजपुरी।गाना शुरू हुआ।बाल्मीकि ने लिखना शुरू किया -   लगावेलू जब लिपिस्टिक हिलेला सारा डिस्टीक जिला टॉप लागेलू ,कमरिया हाय !कमरिया करे लपालप लली पॉप लागेलू- 2 , रहिया चलत में देहिया गमके ला गम -गम पावे पैजनिया डारलिंग बाजेला छम -छम , आजा हमरे बहियाँ में जिया नाही जारअ ,सोरहो सिंगार करके जान मत मारअ।तू लगावेलू जब कजरवा धड़के ला हमर जियरवा चाका -चक लागे लू।कमरिया हाय !कमरिया करे लपालप लली पॉप लागेलू। इसको बाल्मीकि ने ऐसे सुनाया चाय वाले को -हे सुंदरी जब तुम अपने होठो को लाल करती हो सारा ब्रह्माण्ड हिलने लगता है ,पुरे विश्व में तुम सर्वोच्च मालूम पड़ती हो।तुम्हारी कमर बेल की लड़ी से इधर -उधर मटक रही है ,मनो जैसे तुम अमृत या लड्डू हो (अरे भगवान तो लड्डू ही खाते है न ) तुम जब पथ से गुजरती हो तुम्हारे शरीर की इत्र से हर तरफ सुगंधमय वातावरण हो जाता है।तुम्हारे पाँव की घुँघरू छम छम की ध्वनि निकाल रहे है।आ जाओ मेरे आलिंगन में ,मेरे ह्रदय को मत तड़पाओ।सोलह श्रृंगार करके मेरे प्राण मत लो।जब तुम काजल लगाती हो मेरी हृदय गति बढ़ जाती है , तुम बिजली सी चमक रही हो।फिर से कहता हूँ तुम्हारी कमर बेल की डाल है ,तुम अमृत या लड्डू jलगती हो। इतना सुन कर चाय वाले का दिमाग घुमा।सामने से कुर्सी उठाकर बोला।भाग ससुरे डोम साला।सारा गाना का मुँह मार दिया।गुड़ -गोबर कही का।उसको क्रोधित देख नारद जी बोले देवराज भागिए। मैंने सुना है बिहारी सब "कह के लेता है"  इंद्र आश्चर्य में बोले क्या ? नारद बोले यही तो "मिस्ट्री" है !  

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