लखीमपुर खीरी में जो किसानों के साथ हुआ उसे पढ़ कर चंपारण की याद आ गई। याद आ गए गांधी। गांधी को याद करने के पीछे कई वजह रही। एक तो उनकी जयंती अभी-अभी बीती है। दूसरा अमेरिका में भी बीते साल जब ब्लैक लाइफ़ मैटर के नाम से आंदोलन हुए तो कुछ जगह लोग यहाँ भी गांधी की मूर्ति के आगे धरने पर बैठे थे। ऐसे में घूमने-फिरने के दौरान मुझे भी कुछ जगहों पर गांधी जी की मूर्ति दिखी थी, या यूँ कहें तो एक-आध को तो देखने गई थी।
आज जब सब गांधी जयंती मना कर आर्यन -आर्यन कर रहें हैं तब भी मुझे गांधी ही याद आ रहें हैं। तो चलिए आज मेरे साथ घूमने के दौरान, यहाँ लगी गांधी की मूर्तियों के दर्शन करें, हो सके तो उनकी शिक्षा को अपने जीवन में उतराने का प्रयास करें।
*पहली तस्वीर, न्यू यॉर्क के “यून्यन स्क्वेर पार्क” की। यहाँ पार्क में गांधी जी एक मूर्ति लगी है। यह पार्क मैडिसन स्क्वायर गार्डन से 20-30 मिनट की वॉकिंग दूरी पर है। मैडिसन स्क्वायर गार्डन वही, जहाँ 2014 में मोदी जी पहली बार अमेरिका आए और उनके भाषण को सुनने जाने कहाँ-कहाँ से 15-20 हज़ार भारतीय पहुँच गए थे। उस वक्त हमलोग टेक्सस में रहते थे और संयोग ऐसा की मोदी जी के यहाँ से जाते ही शतेश का नया प्रॉजेक्ट न्यू जर्सी का मिल गया। न्यू जर्सी रहते हुए, न्यू यॉर्क कई दफ़ा जाना हुआ और उसी दरमियान हमें इस पार्क में गांधी दिखे।