हो का रहल बा भाई बिहार में ? शराब बंदी की हवा चल रही है ,इसी में किसी ने फेसबुक पर न्यूज़ शेयर किया की -भोजपुरी अश्लील गानो पर भी रोक होने जा रही है। खबर कितनी सच्ची है मालूम नही ,पर हम तो यही सोच रहे है बिना रास -रंग के कैसा होगा बिहार। इसपे भारी जुल्म कि फगुआ भी आ गया।अब जे है सो ठीक है।हमको तो बस इस बात का दुःख है ,अब जब बसंतपुर जायेंगे तो शाम को दारू पी कर सड़क पर कोई गिरा हुआ नही होगा।देर रात कोई गीत ना गाता होगा ,गाली न दे रहा होगा।बेचारे ठेला वाले , ट्रैक्टर वाले,पान की गुमटी वाले सब मोहम्मद अजीज़ के पीछे पड़ जायेंगे।साला सारा रंग ही ख़त्म हो जायेगा।ओह ,पान से याद आया वो तो नीतीसवा ने खैनी और ज़र्दा वाला पान नही बंद किया वरना ,हाहाकार मच जाता। खून की होली हो जाती इस फागुन में।खैर बाकी बिहार का हम क्या जाने ,पर हाय रे बसंतपुर !अब तो तुमसे बसंत ही गायब हो जायेगा।इस रास -रँग के हल्ला के बीच मुझे एक भोजपुरी गाना सुनने को मिला।ये किसी शराब प्रेमी का भी गीत हो सकता है जो अपनी प्रेमिका (शराब )से दूर होने के दुःख में गा रहा होगा 😊कभी इस धुन पर कोई भक्ति गीत या शायद भरत शर्मा जी का कोई गीत सुना था ,जो अभी याद तो नही ,पर ये गीत भी सुनने लायक है।
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