आज बात हॉलैंड की ।एक मिनट रुकिए मैं यूरोप वाले हॉलैंड की बात नही कर रही ।अमेरिका में भी एक हॉलैंड है ।है ये अमेरिका में पर इसकी ख़ूबसूरती यूरोप के हॉलैंड जैसी हीं है ।ऐसा मेरे एक दोस्त जो यूरोप हो आए है उन्होंने ने बताया ।
बात करते है इस हॉलैंड की तो जब यूरोप से डच लोग (नीदरलैंड के लोग )अमेरिका आए तो अपनी सुबिधा और प्रकृति अनुसार अमेरिका के अलग -अलग भाग में बस गए ।वैसे तो डच अमेरिका के हर भाग में थोड़े -बहुत संख्या में मिल जायेंगे पर किसी -किसी भाग में इन्होंने अपनी कॉलोनी बना ली है ।मतलब वहाँ इनकी संख्या ज़्यादा है ।आपको याद होगी मेरी वर्जिन्या ट्रिप ।
इसे ऐसे समझे ।जैसे हम भारतीय अमेरिका आ गए ।मैं बिहार की तो मैं और दूसरे बिहार के लोग साथ मिलकर अमेरिका के किसी एक भाग में जा बसते है ।ऐसे तो भारतीय अमेरिका के हर प्रांत में है पर इनकी संख्या न्यू जर्सी ,टेक्सस और कैलिफ़ोर्नीया के कुछ भाग में ज़्यादा है ।
हाँ तो फिर आते है हॉलैंड की तरफ़ ।ये मिशिगन राज्य में लेक मिशिगन के किनारे बसा हुआ है ।छोटी जगह है पर हर तरफ़ फूल हीं फूल ।ट्युलिप के फूल हॉलैंड की पहचान है इसलिए यहाँ ज़्यादातर ट्युलिप हीं आपको दिखेंगे ।मई महीने में यहाँ ट्युलिप फ़ेस्टिवल भी होता है ।जिसे देखने काफ़ी लोग आते हैं।
हमलोग भी पहुँच गए इस फ़ेस्टिवल में ।इंडीयाना मेरे ठिकाने से कुछ तीन साढ़े तीन घंटे की दूरी पर हॉलैंड शहर है ।दो दिन के लिए हम भी पहुँच गए वहाँ ।एक दिन में भी आप घूम कर आ सकते हैं पर ठीक से घूम नही पाईएगा ।भागमभाग हो जाएगी।
हमलोग क़रीब डेढ़ दो बजे यहाँ पहुँचे।अड्रेस “वेलधीर टूलिप गार्डन “का ही डाला था ।एंट्री फ़ी दस डॉलर पर पर्सन ।तीन छोटे -छोटे विंड्मिल और ट्युलिप से भरा खेत ।सत्यार्थ ने तो ऊधम मचा दी ।
फूल तोड़ने पर ढाई सौ डॉलर फ़ाइन था ।लगभग एक घंटे रुकने के बाद जैसे तैसे बाहर आए तो सत्यार्थ बाबू अपना एक जूता गिरा चुके थे ।
बाहर कुछ गिफ़्ट शॉप थे ,जिसमें लकड़ी के बने टूलिप और जूते बिक रहे थे ।साथ ही चीनीमिट्टी के ख़ूबसूरत बर्तन भी ।
यहाँ से फिर डाउंटाउन को निकले ।शाम को फ़ायर वर्क्स और कुछ प्रोग्राम थे जो बाद में मौसम ख़राब की वजह से कैसिल हो गए ।मौसम जो ख़राब हुआ कि हमलोग भाग कर होटेल आ गये ।हल्की धूप थी पर वो कँपाने वाली हवा की मत पूछिए ।सत्यार्थ की तो आँखो से पानी आने लगा था ।
दूसरे दिन मौसम अच्छा था ।सुबह हल्की बारिश हुई थी पर ठंड कम थी ।आज हमलोग “विंड्मिल आईलैंड गार्डन “गए ।हॉलैंड की दूसरी पहचान विंड्मिल और लकड़ी के जूते भी हैं
एंट्री फ़ी यहाँ भी दस डॉलर पर पर्सन ।ट्युलिप से भरे बाग़ में दो विंड्मिल लगे थे ।एक विंड्मिल तो पुराना होने के बावजूद आज भी काम कर रहा था ।उसका अलग से आधे घंटे का टूर था ।अंदर जाने पर इसकी मदद से कैसे अनाज की कुटाई ,छटाई और पिसाई होती है एक महिला गाइड बताए जा रही थी ।
इसके बाद हम डाउंटाउन आ गए ।कुछ एक घंटा यहाँ बिताने के बाद हमलोग “हॉलैंड स्टेट पार्क “जो कि लेक मिशिगन के किनारे है वहाँ गए ,”हॉलैंड हॉर्बर लाइट “देखने ।ये इस शहर का पहला लाइट्हाउस है ।लाल रंग के होने के कारण इसे “बिग रेड “नाम से भी पुकारते है ।
और इस तरह हॉलैंड की यात्रा सम्पन्न हुई ।यात्री अपने घर को लौट आए ।
कुछ तस्वीरों के ज़रिए आप की भी यात्रा शुरू होती है अब ।
बात करते है इस हॉलैंड की तो जब यूरोप से डच लोग (नीदरलैंड के लोग )अमेरिका आए तो अपनी सुबिधा और प्रकृति अनुसार अमेरिका के अलग -अलग भाग में बस गए ।वैसे तो डच अमेरिका के हर भाग में थोड़े -बहुत संख्या में मिल जायेंगे पर किसी -किसी भाग में इन्होंने अपनी कॉलोनी बना ली है ।मतलब वहाँ इनकी संख्या ज़्यादा है ।आपको याद होगी मेरी वर्जिन्या ट्रिप ।
इसे ऐसे समझे ।जैसे हम भारतीय अमेरिका आ गए ।मैं बिहार की तो मैं और दूसरे बिहार के लोग साथ मिलकर अमेरिका के किसी एक भाग में जा बसते है ।ऐसे तो भारतीय अमेरिका के हर प्रांत में है पर इनकी संख्या न्यू जर्सी ,टेक्सस और कैलिफ़ोर्नीया के कुछ भाग में ज़्यादा है ।
हाँ तो फिर आते है हॉलैंड की तरफ़ ।ये मिशिगन राज्य में लेक मिशिगन के किनारे बसा हुआ है ।छोटी जगह है पर हर तरफ़ फूल हीं फूल ।ट्युलिप के फूल हॉलैंड की पहचान है इसलिए यहाँ ज़्यादातर ट्युलिप हीं आपको दिखेंगे ।मई महीने में यहाँ ट्युलिप फ़ेस्टिवल भी होता है ।जिसे देखने काफ़ी लोग आते हैं।
हमलोग भी पहुँच गए इस फ़ेस्टिवल में ।इंडीयाना मेरे ठिकाने से कुछ तीन साढ़े तीन घंटे की दूरी पर हॉलैंड शहर है ।दो दिन के लिए हम भी पहुँच गए वहाँ ।एक दिन में भी आप घूम कर आ सकते हैं पर ठीक से घूम नही पाईएगा ।भागमभाग हो जाएगी।
हमलोग क़रीब डेढ़ दो बजे यहाँ पहुँचे।अड्रेस “वेलधीर टूलिप गार्डन “का ही डाला था ।एंट्री फ़ी दस डॉलर पर पर्सन ।तीन छोटे -छोटे विंड्मिल और ट्युलिप से भरा खेत ।सत्यार्थ ने तो ऊधम मचा दी ।
फूल तोड़ने पर ढाई सौ डॉलर फ़ाइन था ।लगभग एक घंटे रुकने के बाद जैसे तैसे बाहर आए तो सत्यार्थ बाबू अपना एक जूता गिरा चुके थे ।
बाहर कुछ गिफ़्ट शॉप थे ,जिसमें लकड़ी के बने टूलिप और जूते बिक रहे थे ।साथ ही चीनीमिट्टी के ख़ूबसूरत बर्तन भी ।
यहाँ से फिर डाउंटाउन को निकले ।शाम को फ़ायर वर्क्स और कुछ प्रोग्राम थे जो बाद में मौसम ख़राब की वजह से कैसिल हो गए ।मौसम जो ख़राब हुआ कि हमलोग भाग कर होटेल आ गये ।हल्की धूप थी पर वो कँपाने वाली हवा की मत पूछिए ।सत्यार्थ की तो आँखो से पानी आने लगा था ।
दूसरे दिन मौसम अच्छा था ।सुबह हल्की बारिश हुई थी पर ठंड कम थी ।आज हमलोग “विंड्मिल आईलैंड गार्डन “गए ।हॉलैंड की दूसरी पहचान विंड्मिल और लकड़ी के जूते भी हैं
एंट्री फ़ी यहाँ भी दस डॉलर पर पर्सन ।ट्युलिप से भरे बाग़ में दो विंड्मिल लगे थे ।एक विंड्मिल तो पुराना होने के बावजूद आज भी काम कर रहा था ।उसका अलग से आधे घंटे का टूर था ।अंदर जाने पर इसकी मदद से कैसे अनाज की कुटाई ,छटाई और पिसाई होती है एक महिला गाइड बताए जा रही थी ।
इसके बाद हम डाउंटाउन आ गए ।कुछ एक घंटा यहाँ बिताने के बाद हमलोग “हॉलैंड स्टेट पार्क “जो कि लेक मिशिगन के किनारे है वहाँ गए ,”हॉलैंड हॉर्बर लाइट “देखने ।ये इस शहर का पहला लाइट्हाउस है ।लाल रंग के होने के कारण इसे “बिग रेड “नाम से भी पुकारते है ।
और इस तरह हॉलैंड की यात्रा सम्पन्न हुई ।यात्री अपने घर को लौट आए ।
कुछ तस्वीरों के ज़रिए आप की भी यात्रा शुरू होती है अब ।
No comments:
Post a Comment