• चाचा “ किम जोंग उन” बीमार, शतेश परेशान।
• चाचा किम ने ट्रम्प बाबा को चिट्ठी नही लिखी ,तपस्या परेशान।
• चाईना दाई कहती है, की जब एडस और एचवन एनवन वाइरस से एतना लोग मरा तो कोई पूछा जो हमसे सवाल दागा जा रहा है? एतना सुन के सेट-अप (शतेश -तपस्या) दोनों परेशान।
•इधर , अमेरिका में तेल/गैस का दाम कम होते देख, घूमंतु जोड़े के करेजा पर साँप लोट रहा है। अरे दादा हो, ई किरवनावा कब जाई ? अभीए त घूमे के लाहार रहल हऽ...
कपार पर हाथ रख के दूनों बेकत अब सोचता कि, साला पईसा बचावे के कौनवो जोगे नईखे हाथ में।
• आख़िरी ख़बर ऐसी की तैसी,
अमेरिका में लोग हुए बाग़ी। कहते है घर में नही रहेंगे-नही रहेंगे। इकनोमी के फेर में ट्रम्प बाबा भी पगलाए आ जाने कौन -कौन सा ग्रेट अमेरिका का स्कीम लाते रहते है। भारत से दवाइयों मँगवा लिए आ कहते हैं कि अब बाहरी लोगों को आने पर रोक। हाय रे दागाबजवा। ख़बर पूरी तरह समझ में आवे तब तक कहाँ है अपने हर-हर मोदी...
समाचार के अंत में सुनते है अमेरिकी लोगगीत,,
अमेरिका हमको जान से प्यारा है
आज़ादी हमारा नारा है ।
शुरू करें अब काम-धंधे
भूखे मरने से खा कर मरना अच्छा है।
लोगगीत पर सट-अप समझ नही पा रहें क्या प्रतिक्रिया दें।
तभी आकाशवाणी होती है,
“ना रहिए जीव त के पी घीव”
एतना सुनते ही सत्य का अर्थ हँसता है, हा-हा-हा हो गया कल्याण...
कल्याण ।
• चाचा किम ने ट्रम्प बाबा को चिट्ठी नही लिखी ,तपस्या परेशान।
• चाईना दाई कहती है, की जब एडस और एचवन एनवन वाइरस से एतना लोग मरा तो कोई पूछा जो हमसे सवाल दागा जा रहा है? एतना सुन के सेट-अप (शतेश -तपस्या) दोनों परेशान।
•इधर , अमेरिका में तेल/गैस का दाम कम होते देख, घूमंतु जोड़े के करेजा पर साँप लोट रहा है। अरे दादा हो, ई किरवनावा कब जाई ? अभीए त घूमे के लाहार रहल हऽ...
कपार पर हाथ रख के दूनों बेकत अब सोचता कि, साला पईसा बचावे के कौनवो जोगे नईखे हाथ में।
• आख़िरी ख़बर ऐसी की तैसी,
अमेरिका में लोग हुए बाग़ी। कहते है घर में नही रहेंगे-नही रहेंगे। इकनोमी के फेर में ट्रम्प बाबा भी पगलाए आ जाने कौन -कौन सा ग्रेट अमेरिका का स्कीम लाते रहते है। भारत से दवाइयों मँगवा लिए आ कहते हैं कि अब बाहरी लोगों को आने पर रोक। हाय रे दागाबजवा। ख़बर पूरी तरह समझ में आवे तब तक कहाँ है अपने हर-हर मोदी...
समाचार के अंत में सुनते है अमेरिकी लोगगीत,,
अमेरिका हमको जान से प्यारा है
आज़ादी हमारा नारा है ।
शुरू करें अब काम-धंधे
भूखे मरने से खा कर मरना अच्छा है।
लोगगीत पर सट-अप समझ नही पा रहें क्या प्रतिक्रिया दें।
तभी आकाशवाणी होती है,
“ना रहिए जीव त के पी घीव”
एतना सुनते ही सत्य का अर्थ हँसता है, हा-हा-हा हो गया कल्याण...
कल्याण ।