Thursday 16 June 2016

वेगास और मैं !!

घुमकडी का शौक़ तो हमेशा से रहा है मुझे।इंडिया में भाई और मैं साथ खूब घूमते थे।मेरे कंधे पर हाथ रखकर वो ऐसे चलता जैसे मैं कोई उसकी यार -दोस्त।आह !वो वक्त काश लौट आये।कभी -कभी मुझसे परेशान होकर भाई मजाक में कहता -रुको ,तुम्हारी शादी किसी घुमकड़ से करवाऊँगा।वही घूमाता रहेगा तुम्हे।और सच मानिये उसने अपने मजाक में किये हुए वादे को भी पूरा किया।मुझसे ज्यादा घुमकड़ शतेश निकले।येलोस्टोन को देखने की ईच्छा मेरी काफी दिनों से थी।काफी दिनों से मेरा मतलब है ,अमेरिका आने के बाद से।जब भारत में थी तो कभी सोचा नहीं था ,आउट ऑफ़ इंडिया आने का।माँ -भाई से अलग होने का।लेकिन वही है घुमकडी के क़िस्मत में और घूमना लिखा था।अमेरिका में काफी घूमे -फीरे।अंत में एक ही बात समझ आई -यहाँ जगहों की यानी टूरिस्ट स्पॉट्स की जरुरत से ज्यादा तारीफ की गई है।बहुत ज्यादा मार्केटिंग और हाइप किया गया है।नो डाउट जगहें साफ़ -सुथरी ,बेसिक सुबिधाओं से लैस है ,फिर भी यार कुछ ज्यादा ही तामझाम से उनको प्रेजेंट किया गया है।बात वही है जो चमकेगा ,दिखेगा वही बिकेगा।हाँ कुछ जगहें है ,जो वाकई मुझे ख़ूबसूरत लगी।नाइग्रा फॉल , येलोस्टोन ,ग्रैंड कैनिअन और न्यूयॉर्क की चमकधमक।कई लोग सोच रहे होंगे -अच्छा तो हमने क्या मूवी में गलत देखा है ? मेरे यार दोस्त ने गलत बताया है कि ,मस्ट गो यार बहुत अच्छी जगह है।भाई हो सकता है ,ये मेरे देखने का नजरिया हो।वैसे यहाँ घूमना -फिरना काफी आसान है।वीकेंड को ना गैस भरवाने की टेंशन न राशन -पानी की।समय है आपके पास तो छोडिए मेरी या किसी और की बात।आप जरूर घूमने जाय।तभी तो चीज़े एक्स्प्लोर कर पाएंगे।हाँ ,पहले से ज्यादा एक्सपेक्शन ना पाल के जाए।ख़ास कर लड़के।एक किस्सा बताती हूँ। शादी से पहले शतेश और इनके दोस्त न्ययॉर्क  घूमने गए।वहाँ क्रूज़ राइड लेते वक़्त इनको एक इंडियन लड़के ने टोका।थोड़ी बात चीत हुई।इसके बाद वो लड़का पूछता है  -यार यहाँ लड़कियाँ कहाँ मिलती है ? मैं एक वीक के लिए अमेरिका आया हूँ।सुना है यहाँ सब मिलता है।शतेश के दोस्त पागल वो बोला तो यहाँ क्या कर रहा है ? वेगास जा।दोनों हँस -हँस के पागल हो जाते है ,जब भी ये वाक्या बताते है।मियामी या वेगास में लड़कियाँ बिछी पड़ी होंगी ऐसा नहीं है।भैया कही भी कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता।ना दारु ना लड़की।रही बात डेस्टिनेशन की तो ,डेस्टिनेशन कैसा भी हो अगर साथी या साथ वाले आप जैसे हो तो कोई भी यात्रा मजेदार बन जाती है।जैसे मेरा मियामी ट्रिप -कसम से यार, वहाँ ब्लू वाटर ,वाइट सैंड ,वाटर ऐक्टिविटी और पब के सिवा कुछ नहीं है।फिर भी लोग मियामी -मियामी-मियामी जपते रहते है।3 से 4 के बाद आप बोर हो जायेंगे। वैसे हमारी मियामी यात्रा तो बहुत ही मजेदार रही :P मैं पहले  ही इसके बारे में लिख चुकी हूँ।आज स्टार्ट तो किया था येलोस्टोन के बारे में लिखने को पर "वेगास" तक पहुँच गई।चलिए आज वेगास ही सही।"हूस्टन" से हमलोग 'वेगास' रात के करीब 11 बजे पहुँचे।एयरपोर्ट के डॉरमेट्री में ही लिखा था -वेलकम तो "सिन सिटी":) हमलोग वहाँ से बाहर निकल कार रेंटल किया और हॉटेल पहुँच गए।'स्टोस्फेर 'हमारे हॉटेल का नाम था।वेगास में आपको हॉटेल सस्ते मिल जाते है ,कम्पेयर तो अदर फेमस टूरिस्ट स्पॉट।इसका कारण मुझे लगता है ,कि लगभग हर हॉटेल के ग्राउंड फ्लोर पर कैसिनो है।हॉटेल में रुकिए जुआ खेलिए ;P अरे ऐसा कोई रूल नहीं है कि आपको खेलना ही होगा ,अगर आप हॉटेल में रुके तो।आपकी मर्जी है।हॉटेल भी बड़े -बड़े आलिशान ,चमकधमक वाले।रात को चेकिंग के बाद ,सामन रख के हम सिर्फ हॉटेल में घूमते रहे।अगले दिन सुबह खिड़की से वेगास को देखा तो मन परेशान हो गया।ये क्या ?रात की चाँदनी में नहाया वेगास दिन के धुप में कितनी निरस लग रहा है।फ्रेश होकर ,हमलोग पास के "आई होप ' से ब्रेकफास्ट करके वापस कमरे में आगये।आपस में गप -शप और आज कहाँ कहाँ जाना है तय किया गया।फिर आराम से तैयार होकर एकलौते इंडियन रेस्तरां (3 साल पहले )गए।खाना इंडियन के नाम पर अमेरिकन था।सबकुछ फीका-फीका।जैसे -तैसे पेट भर के हमलोग घूमने के लिए निकले।यहाँ न्यूयॉर्क की तरह आपको पैदल ही सब घूमना होता है।कैब आप कर सकते है पर, वही की ट्रैफिक बहुत होती है।हर दूसरा हॉटेल और कैसिनो देखना होता है।कहाँ -कहाँ कैब करेंगे ? पैदल घूमना इज़ द बेस्ट आडिया।वेगास में हॉटेल और कैसिनो के सिवा कुछ नहीं।अरे है ना ,स्ट्रिप क्लब ,पर वो इस चहलपहल वाले स्टीट से दूसरी तरफ है।जहाँ शतेश अपने बैचलर दोस्त हेमंत के मॉरल सपोर्ट के लिए साथ गए थे ;P वेगास में आप किसी भी हॉटेल में घुस सकते है।किसी भी टेबल पर गेम खेल सकते है।शतेश और इनके दोस्त अलग -अलग गेम खेलने लगे।मैंने सबसे सस्ता वाला गेम खेलना शुरू किया।इस गेम के मशीन के ऊपर लिखा था "वन सेंट स्लॉट मशीन"।मतलब हर बार ही एक सेंट लगेगा।इंडियन रूपये के हिसाब से -हर गेम का एक पैसा।अरे हँसिये मत ,यहाँ ऐसे सैकड़ो मशीन एक-एक हॉटेल में लगी है।लोग खेलते भी है।मेरा ये गेम चुनने के पीछे कारण ये था कि ,मैंने कभी जुआ नहीं खेला।सोचा हारूँगी भी तो कम का ही लॉस होगा।मैंने 20 डॉलर डाले थे मशीन में।मैं हारती जा रही थी।इसमें कुछ दिमाग़ नहीं लगाना था।बस एक बटन था ,जिसको दबाना था।आपका लक ,नंबर आपके फेवर में आते है या नहीं। 15 डॉलर हारने के बाद मैं शतेश को बुलाने लगी।शतेश और हेमंत साथ आये।मुझे इस कदर परेशान देख कर हँसे जा रहे थे।बोले यही तो गेम है।तुमने बहुत सस्ता वाला गेम चुना जिसमे हारने के चांस ज्यादा होते है।मैंने पूछा अब ?शतेश बोले कोई बात नहीं खेल कर ख़त्म करो।फिर मुझे उदास देख कर बोले -इसका एक ये भी ऑप्शन है।तुम गेम ख़त्म कर दो। जो बचे पैसे होंगे उसे निकाल सकती हो।मैंने कहा ये ठीक है।मुझे अपने पैसे निकालने है।हेमंत हँसते हुए बोला -क्या तपस्या खेल जाओ ना।या मुझे खेलने दो ,शायद जीत जाए।मैंने हेमत को जगह दी।वो भी हारने लगा।अब मेरे अकाउंट में 3 डॉलर कुछ सेंट बचे थे।मैंने कहा मेरा पैसा निकलते हो या नहीं ? सब हार जाने पर मुझे बहुत दुःख होगा।अंत में मेरे 3 डॉलर निकाले गए।मैं उसी में खुश थी।इधर शतेश और हेमंत हँस -हँस के पागल कि, 17 डॉलर डूबने का गम नहीं 3 डॉलर बचने की ख़ुशी है।वेगास में बेलाजिओ हॉटेल के आगे एक फाउंटेन शो होता है।आम दिन में  3 बजे से रात के 12 बजे तक।संडे /सैटरडे को दिन के 12 से रात को 12 बजे तक।बहुत ही खूबसूरत  लाइट ,पानी ,म्यूसिकका शो।पानी मानो नाच रही हो।इस स्ट्रीट पर शॉपिंग ,ड्रिंक ,गेम सबकुछ मिल जायेगा आपको।हमारे साथ एक और कपल गए थे।मिस्टर एंड मिसेस देगवेकर।मिसेस देगवेकर प्रेग्नेंट थी उस वक़्त।वो थोड़ा आराम से घूम रही थी।इसी बीच घूमते हुए मैं और शतेश आगे निकल गए।हमलोग एक पब में पहुंचे। 20 डॉलर पर पर्सन एंट्री ,ड्रिंक फ्री।अंदर इतनी भीड़ और शोर कि ,हमदोनों एक दूसरे को ठीक से सुन भी नहीं पा रहे थे।शतेश ने ड्रिंक  लियाऔर मुझसे बोले सेम ड्रिंक ले लो।पर मैं तो मैं मैंने एक लड़की को ब्लू एंड पिंक मिक्स ड्रिंक लेते देखा जो हमसे आगे खड़ी थी।मैंने बार टेंडर को बोला -आई वांट सेम ड्रिंक व्हिच यू सर्व द लेडी।भगवान कसम पहली बार इस जुमले का मतलब समझ आया।"जो जितना ही हसीन हो उतना ही ख़तरनाक होता है"।पहली घुट में ही सिर गरम हो गया।शतेश पूछे कैसा है ड्रिंक ?अब मैं क्या बोलती।बोल दिया अच्छा लग रहा है।एक दो घूंट के बाद थोड़ा पी सकने लायक लगने लगा।यहाँ जो डांस के साथ म्यूजिक चेंज कर कर थी ,वो सबके मुँह पर ड्रिंक गिरा रही थी बॉटल से।कम ऑन कम ऑन करती ,सब आगे जाते और सोम रास पान करते।पर मैं एक बार भी आगे नहीं गई।शतेश समझ गए कुछ तो गड़बड़ है।एक कोने में जहाँ कम शोर था ,मुझे ले गए।मुझसे पूछे सब ठीक है तपस्या ?मैं थोड़ा परेशान रोने जैसी हालत में बोली बहुत गर्मी लग रही है।शतेश को कुछ अजीब लगा होगा।उन्होंने मेरा ड्रिंक टेस्ट किया और बोले अरे ये तो बहुत हार्ड है।लाओ ईधर।मैंने हार्डली 5 /6 घुट ही पिया होगा।ड्रिंक लेकर उन्होंने ट्रेस में डाल दिया।इधर हेमत का कॉल आरहा था -भाई किधर हो तुमलोग ?हमलोग इंतज़ार कर रहे है।शतेश और मैं वहाँ से तुरंत बाहर निकल गए।मुझे समझ नहीं आरहा था कि क्या हो रहा है मेरे साथ।एक फ्लाईओवर क्रॉस करना था।उसके दूसरे तरफ दोस्त इंतज़ार कर रहे थे ,एक हॉटेल में।मै वही पर कोट निकाल कर बैठ गई।हमलोग दिसंबर में गए थे।ठण्ड थी।शतेश बोले ठीक है ,उतर दो कोट लेकिन चलो तो।हमलोग का ड्रामा कुछ 20 /25 मिनट चला होगा।इतने में शतेश पानी का बॉटल लेकर आये कही से।मैंने पानी पीया ,ठंडी हवा से मेरे सिर की गर्मी कुछ कम हुई।मैंने कान पकड़ लिया कि आगे से ऐसा कुछ नहीं करुँगी।करीब 45 मिनट बाद हमलोग अपने दोस्तों के पास पहुँचे। वहाँ से हमलोग हॉटेल पहुँचे।अगले दिन ग्रैंड कैनियन जाना था।जो वेगास से 4 /4 ;30 घंटे की ड्राइव पर है।
     

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