Sunday 18 August 2019

तपस्या:- गंगा मईया के ऊँची अररिया तिवई एक रोयेली हो
हे गंगा मईया अपनी लहर मोहे दिहतू त हम डूबी मरती हो.......
हे गंगा अपनी लहर हू...... त हम...ला-ला....

तेज बाबू:- आई दादा, अमेरिका में आजे छठ था का जी?  हई देखिए हमरो गंगा किनारे का फ़ोटू। घुमने गए थे तो फ़ोटोग्राफ़र खैंच लिया। 
तपस्या:- कभी -कभी हमको लगता है कि एश्वर्या ठीके की। 

तेज बाबू:- कौन एसवरीया? हमार एक्स पत्नी?
तपस्या:- ना , ऐश्वर्या राय। अभिषेक की करेंट पत्नी। बोका.....

तेज बाबू:- अच्छा छोड़ो ना ये सब। ये बताओ कि क्या वहाँ भी गंगा है?  क्या वहाँ भी छठ होता है? अरे होता हीं होगा अबकि तो हमलोग जम्मू में भी छठ करने जाएँगे।
तपस्या:- हम्म, यहाँ गंगा तो नही पर कहीं-कहीं छठ होता ज़रूर  है। वैसे जम्मू में कौन सी गंगा है?

तेज बाबू:- है नही। अभी पिछले दिनो तुम्हारे कहने पर नोटबूक फ़िल्म देखी। ऊ जो बच्चा सब का स्कूल था वो गंगा नदी पर ही तो लग रहा था।
वईसे भी  छठ पूजा से गंगा जी का क्या मतलब।  कोई नदी, पोखर हो, कुछ केला का थम और घाट तैयार । लेकिन  तुम ई डूबने -मरने  वाला गीत क्यों गा रही थी।
तपस्या:- आपके अद्भुत ज्ञान और जम्मू में छठ करने की ख़ुशी से......

तेज बाबू:- अरे हम जादूगर है। भगवान भोले और राधा दोनो हम में वास करते हैं। बस ई तेजस्वीया हमरी बात नही समझता। समझायेंगे किसी दिन उसको ठीक से। सच बताएँ तो जब से सुशील चाचा बोले हैं कि, अब हमलोग को जम्मू में भी रोज़गार मिलेगा तबे से हमरी पार्टी भी उधर पहुँच रही है। शुरुआत छठें पूजा से होगा। वहीं पर एक ठेकुआ का भी स्टोल लगवा देंगे। बाक़ी स्टेशन पर चाय और लिट्टी तो बिकेगा हीं।

तपस्या:- हम्म, ठीक हीं है अपने यहाँ स्टेशन कहाँ?  रोज़गार कहाँ? रही बात छठ पूजा की तो वो यहीं हो तो ज़्यादा अच्छा हो तेज बाबू।
नज़र उठाइए तो ज़रा, अभी हर तरफ़ नदी ही नदी। घाट ही घाट दिखेगा। इतनी नदी की किसी का घर, किसी के पशु , किसी का खेत तो किसी की जान डूबी मरती सी जा रही होगी। ध्यान से सुनिएगा तो छठ का यहीं गीत आपको हर तरफ़ हाहाकाररूप में सुनाई दे रहा होगा।

कोई गा रहा होगा;
ना ही मोरा घर दुःख ना ही संतान दुःख हे ,
ये गंगा मईया देश हमार अति पिछड़ा, त बाढ़ ह सूखाड ह सरकार दुःख दोसर हे......

तेज बाबू:- हमको तो कुछ सुनाई नही दे रहा।
तपस्या:- देता तो यहाँ बैठे नदी का नज़ारा देख रहे होते.....
अच्छा है कुछ दिखाई नही देता, कुछ सुनाई नही देता, नही तो मेरी तरह गा रहे होते,

ये गंगा मईया अपनी लहर मोहे दिहतू त हम डूबी...  .......

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