आज हम फिर से केंटुकी घूमने चलते है। याद है ना, इससे पहले हमलोग “मोहम्मद अली” का जन्म स्थान देखने यहाँ पहुँचे थे। kfc चिकेन की भी बात हुई थी पर आज आपको जो देखना है वह है “अब्राहम लिंकन” का जन्म स्थान।
12 फरवरी, 1809 को लिंकन का जन्म केंटुकी के हार्डिन काउंटी में हुआ था। पर आज यहाँ जाने के लिए आपको जी पी एस में, 2995 लिंकन फार्म रोड, हॉजगेनविले, केंटकी, पता डालना होगा।
लिंकन के जन्म स्थान तक पहुँचे, इससे पहले क्यों ना ड्राइव करते-करते इनके बारे में थोड़ा जान ले। वैसे तो आप सब इनके बारे में जानते ही होंगे पर मुझे इनकी जीवनी, रोलर कोस्टर राइड की तरह लगती है। इनके संघर्ष को देख कर लगता है कि क्यों हम छोटे-छोटे दुखों से इतनी जल्दी हार मान जाते है। वैसे लिंकन ने ही कहा है , “जिसका जीवन जितना संघर्षपूर्ण रहा, उसने उतना ज़्यादा सीखा”
गरीब परिवार में जन्में लिंकन का घर लकड़ी का एक छोटा सा कमरा भर था। बाद के दिनों में ज़मीन की लड़ाई-झगड़े में इनके परिवार को यह घर भी छोड़ना पड़ा और केंटुकी से इंडिआना के “पैरी काउंटी” में आना पड़ा। लिंकन ने तीन घर बदले और उनके हर घर को एक स्मारक का रुप दिया गया है।
जब ये 21 साल के थे तब अपने पिता से अलग हो गए थे। पिता चाहते थे कि बेटा, पढ़ाई-लिखाई, कविता-कहानी छोड़, उनके साथ मज़दूरी में हाथ बटाए पर लिंकन को यह मंज़ूर ना था।
जैसे -तैसे थोड़ी पढ़ाई हुई। नौकरी की पर वहाँ से भी निकाल दिए गए। फिर इन्होंने बिजनेस शुरू किया। वह भी कुछ समय के बाद पूरी तरह से ठप हो गया। इस बीच जिस लड़की से प्रेम करते थे, उसका देहांत हो गया। लिंकन डिप्रेशन में चले गए।
ब्याह हुआ जिस लड़की से उससे कभी मन ना मिला। चार बच्चे हुए पर तीन की मृत्यु बचपन में ही हो गई और चौथा 18 साल की उम्र में नही रहा।
इधर समाज में ऊँच-नीच का भेद मिटाने को वह राजनीति में घुसे तो वहाँ भी इन्हें करारी हार मिली। सीनेट के चुनाव में 11 असफलताओं के बाद उन्हें शानदार जीत मिली। इसके बाद उन्होंने अमेरिका का प्रेसिडेंट चुनाव लड़ा और अमेरिका के 16 प्रेसिडेंट बने।
लिंकन के संघर्ष से हार ना मनाने की प्रेरणा लेकर अब हम इनके जन्म स्थान को देखते है। इस जगह को अब “Abraham Lincoln Birthplace National Historical Park” नाम दिया गया है। यहाँ इनके लड़की के घर का हमशक्ल बना कर एक मेमोरीयल के रूप में रखा गया है। कहते है कि इसकी कुछ लकड़ियाँ लिंकन के पुराने घर से ली गई है पर वहाँ बैठा गाइड बताता है कि, लकड़ियाँ लाई ज़रूर गई थी पर वह बहुत पुरानी होने की वजह से ठीक से काम ना आ सकी तो ये सारी नई लकड़ियाँ है।
इसके अलावा यहाँ, “नैन्सी लिंकन “ जो लिंकन की माँ थीं, उनका भी केबिन बना है। एक छोटा सा झरना है जिसे कहते है कि इससे लिंकन के पिता खेतों की सिंचाई करते थे। साथ ही एक छोटा सा म्यूज़ियम है जिसमें घर के कुछ बर्तन, कुछ अवज़ार, लिंकन की मूर्ति, एक छोटा सा प्रोजेक्टर हॉल भी है। जिसमें लिंकन की जीवनी दिखाते है।
तो चलिए, तस्वीरों के साथ आप भी सैर पर निकले और हाँ सीढ़ियाँ चढ़ते हुए थकिएगा नही क्योंकि मैं भी चढ़ी थी जबकि, मैं माँ बनने वाली थी।
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