Wednesday, 1 March 2023

किताब की दुकान !


इन दिनों पुस्तक मेला, किताबों, दोस्तों,  पाठक और सेल्फ़ी के बीच लेखकों को देखती हूँ तो जाने क्यों यह खयाल दिमाग़ में आता है, “पुराना कोट पहनें और नई किताब खरीदें” 

अब पुराना कोट और नई किताब पर हर किसी का अपना मत हो सकता है। वैसे किताबों की दुनिया विशाल है…पर एक दो नए कोट तो होने ही चाहिए। पुराने कोट से मुझे नोचनी होने लगती है…

तो चलिए,  मैं पुरानी किताबें(नई जैसी) ख़रीदिए वाली जगह पर ले कर चलती हूँ। जगह यानि इस दुकान का नाम ‘गुडविल स्टोर’ है। यह एक नॉन प्रॉफ़िटेब संस्था द्वारा चलाई जाती है। इस स्टोर की कमाई का हिस्सा अयोग्य को योग्य बनाने के काम जाता है। मसलन किसी शारीरिक विकलांगता, पढ़ाई पूरी ना होना, किसी नशे आदि से मुक्ति के बाद नया जीवन शुरू करने की चाहत आदि-आदि जैसे व्यक्तियों को इस संस्था द्वारा काम मिलता है। 

गुडविल स्टोर के बारे में पहली बार मुझे जानकारी तब हुई जब टेक्सस(ह्युस्टन) से न्यू जर्सी मूव हो रही थी। घर के कुछ सामान जो थोड़े ख़राब हो गए थे, उन्हें यहाँ डोनेट करने को एक मित्र ने बताया। पहली बार यहाँ डोनेशन को गई तो डायरेक्ट सामने वाली गेट से भीतर चली गई पर वहाँ तो देखा बाक़ायदा एक छोटा सा सुपर मार्केट बना हुआ था। मैं चौंक गई। काउंटर पर जाकर पूछताछ की तो मालूम हुआ कि आप यहाँ से समान भी ख़रीद सकते है और वह भी काफी कम क़ीमत पर। डोनेशन वाली चीज़ें ही ठीक और साफ़  करके बेची जाती है। जैसे दिल्ली का सरोजनी या लाजपतनगर का मार्केट। बाक़ी डोनेशन के लिए बैक डोर पर जाना होता है। 

अच्छी बात यह कि आपको डोनेशन के बदले एक स्लिप मिलती है। इसमें आपकी दी हुई चीज़ों की क़ीमत आंकी जाती है। और उतनी क़ीमत का आप टैक्स में छूट पा सकते हैं। 

यह सब जानकारी लेने के बाद मैं स्टोर का एक चक्कर लगाने लगी। यहाँ कपड़े-जूते से लेकर घर के समान, बच्चों के खिलौने और किताबों के साथ मूवीज़ के कैसेट भी बहुत कम क़ीमत पर मिल रहे थे। किताबों का सेक्शन देख कर तो मेरा मन खुश हो गया। जो किताबें बार्नेस एंड नोबल, अमेजन या दूसरे बुक स्टोर पर $15-20 में मिलती वह यहाँ सिर्फ़ $1.99- 2.99 की। और किताबें भी नई सी। हाँ, यह है कि किताबों की संख्या थोड़ी कम होती है और हर बार आपकी पसंद की किताब नहीं मिलती। 

न्यू जर्सी के प्रिंसटन में यह स्ट्रोर दूर था घर से, वही हाल फिलिडेल्फिया और कनेक्टिकट में पर जब से इंडियाना मूव हुई यहाँ जाना फिर से शुरू हो गया।  कारण यह कि यहाँ यह स्टोर “पटेल ब्रदर्स( किराना दुकान) के बगल में ही है। पर कोरोना ने वह भी सिलसिला तोड़ दिया। 


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