एक खूबसूरत शहर “टूसोन”
टूसोन, एरिज़ोना राज्य का एक खूबसूरत शहर है। पहाड़ों के बीच बसा यह शहर मुझे कुछ-कुछ कोलोराडो, डेनवर की याद दिला रहा था। दोनों के बीच मुख्य अंतर मौसम और आर्किटेट का है। टूसोन गरम जगह है और डेनवर का मौसम अधिकतर ठंढा रहता है। हाँ डेनवर में हरियाली और कई छोटी-बड़ी नदियाँ दिख जायेंगी वहीं टूसोन मरूभूमि पर बसा है। टूसोन में स्पेनिश कल्चर का बड़ा प्रभाव दिखता है और डेनवर अमेरिका के आम शहर सा दिखता है।
टूसोन के रंग-बिरंगे घर, उन्में भी ज़्यादातर पीला-नारंगी मुझे अपनी ओर खींच रहे थे। मुझे इन रंगो से खास लगाव है। मेरा बचपन इन्हीं रंगों की कालोनी में बड़ा हुआ।
यहाँ के म्यूज़ियम, चर्च, दुकानें और घर , खूबसूरत स्पैनिश कॉलोनियल आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है।
डाउनटॉउन थोड़ा तंग लगा मुझे पर बहुत ही खूबसूरत। तंग लगने का कारण जहाँ -तहाँ रोड बनने के लिए बैरिकेट। एक बार तो हमे समझ ही नही आया और गलत लेन में घुस गए। वह तो ग़नीमत रही कि उधर से कोई गाड़ी नही आ रही थी। गलत साइड से आगे बढ़ने के सिवा कोई चारा ना था। पीछे गाड़ी जा नही सकती थी। भगवान की कृपा रही की कोई गाड़ी नही आ रही थी। थोड़ी दूर पर हमें एक कट दिखा जो एक दुकान की तरफ़ जाता था। हम उधर ही मुड गए। गलत लेन में होने से थोड़ी घबराहट तो हो ही रही थी पर डर तब लगा जब बगल से एक पुलिस वाला गुजरा। हमे लगा कि अब तो पका फ़ाइन लगेगा पर वह आगे बढ़ गया। शायद रोड कंस्ट्रक्शन की वजह से लोगों से यह भूल हो जा रही होगी, यह वह पुलिस वाला जानता होगा।
ख़ैर, हम उस दुकान के आगे थोड़ी देर रुके। फिर जहाँ जाना था उसका मैप फिर से देखने लगे। स्पेनिश नाम होने की वजह से ऐड्रेस ठीक से मिल नही रहा था।
थोड़ी देर बाद, जी पी एस, “पीमा काउंटी कोर्टहाउस” दो मिनट की दूरी पर दिखा रहा था। हम चल पड़े… फिर पार्किंग और रोड की जाल में उलझ कर झल्ला उठे।
मैंने उदास हो कर कहा- “ रहने दीजिए। चलते हैं, ऑल्ड टूसोन”
“अरे रुको भी , जब यहाँ तक आ गए हैं तो देख ही लो” कहते हुए साथी ने एक जगह कार पार्क की और कहा- “ गाड़ी वापस उस घनचक्कर में ले जाने की हिम्मत नही, तपस्या। तुम भाग कर जाओ, वह रहा पीमा। दो मिनट का वॉकिंग डिस्टेंस है।”
“अरे चलिए ना आप भी, जल्दी आ जाएँगे।”
“नही, मैं गाड़ी में ही हूँ। यह पार्किंग आम पब्लिक की नही लग रही है। गाड़ी कहीं टो ना हो जाए। वैसे भी मुझे कॉर्ट हाउस में कोई रुचि नही।”
रुचि तो मुझे भी नही पर इसकी बनावट देखनी थी। इसके ठीक पीछे का खूबसूरत बाग , ‘एल पर्सिडियो’ देखना था। इससे वॉकिंग डिस्टेंस पर स्थित आर्ट म्यूज़ियम देखना था। पर मैंने सिर्फ़ पीमा और एल पर्सिडियो देखा। वह भी भाग-भाग कर। मुझे साथी को अकेले छोड़ आने का मलाल हो रहा था।
इसके बाद हम निकल पड़े, ‘ओल्ड टूसोन’ की तरफ़। यहाँ हमें देखना था एक थियेटर, ‘टीकेट्रो कारमेन’ एक ऐसा थियेटर जिसका बरसों का इतिहास रहा और सैकड़ों नाटक हुए यहाँ पर आज यह बंद है। बंद दरवाज़े की कुछ तस्वीर ली। आसपास थोड़ा पैदल-पैदल घूमे और चल पड़े , “मिशन सन ज़ेवियर डेल आइक” चर्च की तरफ़।
मिशन सन ज़ेवियर डेल आइक, चर्च यहाँ से क़रीब बीस मिनट की दूरी पर है। हल्का पीला-सफ़ेद और ईंट के रंग से गढ़ा यह खूबसूरत भवन, बार- बार मेरी आँखों की चमक के साथ होठों के कोने को बड़ा करते जा रहा था। खूबसूरती आँखों में भरती मैं आगे बढ़ रही थी कि तभी इसके एक गेट के पार एक कैक्ट्स दिखा। अकेला कैक्ट्स गेट के पार मानो मुक्त भाव से खड़ा था। थोड़ी देर मैं रुकी रही कि आगे चलने का वक्त हो आया।
अंतिम ठिकाने पर हमें चार बजे से पहले पहुँचना था। अलरेडी ढाई बज गए थे और वह जगह यहाँ से क़रीब एक घंटे की दूरी पर था। जगह थी, एक आर्ट गैलरी।
यहाँ के प्रसिद्ध आर्टिस्ट , “डी ग्रेजिया” की यह आर्ट गैलरी है। इसका नाम “गैलरी इन द सन म्यूज़ियम” है। सामने पहाड़ और उसके पीछे यह गैलरी उफ़्फ क्या सुंदर नजारा था …
मन कह रहा था, टूसोन में मुझे एक और दिन मिलना चाहिए था पर लौटने की तारीख़ तय थी।
इस शहर की कुछ तस्वीरें,
पीमा कॉर्टहाउसपार्क
थियेटर ,
चर्च
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