Tuesday, 23 June 2015

Anna Karenina by Leo Tolstoy ( pyar ,dhokha ,ghrina,or maut ) part-1

अन्ना कैरेनिना "लियो टॉलस्टॉय " की लिखी हुई  मास्टर पीस नॉवेल है।क्यों इस नॉवेल को टॉप टेन में रखा गया, ये तो आपको पढ़ के ही मालूम होगा।आह इसकी जितनी भी तारीफ़ की जाये कम होगी। मैंने टॉलस्टॉय की पहली ही नॉवेल पढ़ी और मुझे उनकी लिखाई से मोहब्बत हो गई।थैंक यू शतेश जो तुमने मुझे ये नॉवेल गिफ्ट किया।ऐसा लगता है सारे पात्र आपके आस -पास मिल जायेंगे।हाँ ये है की ये नॉवेल 817 पेज की है ,तो थोड़ा समय लगता है  पढ़ने में।कई बार तो कहानी इतनी इंट्रेस्टिंग हो जाती है कि ,रात के 3 बजे भी नॉवेल को रखने का मन नही करता।ऐसा लगता है पढ़ते जाये।नॉवेल की शुरुआत ही इतनी इंट्रेस्टिंग है "आल हैप्पी फैमिली आर अलाइक ;इच अनहैप्पी फैमिली इज़ अनहैप्पी इन ईट्स ओन वे "इसका मतलब की सभी सुखी परिवार एक जैसे है ,प्रत्येक दुखी परिवार अपने -अपने तरीके /वजहों से दुखी है।इस एक नॉवेल में  प्यार ,शादी ,ख़ुशी  एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ,घृणा ,विश्वास ,इच्छा ,लगाव ,स्वार्थ और मौत को बखूबी लिखा गया है।अन्ना कैरेनिना 19 सताब्दी के रशियन समाज को दर्शाती है।सारी कहानी रशिया और यूरोप के आस पास की ही है। कहानी के सभी पात्र महत्वपूर्ण है ,पर इसमें दो लोगो की कहानी पैरल चलती है। एक है "अन्ना कैरेनिना " ,जो इस कहानी की नायिका है या खलनाइयिका या मतलबी महिला ये आप ही डिसाइड कीजियेगा। इन्ही के ऊपर नॉवेल का नाम दिया गया है।दूसरा है,"लेविन" मेरा प्रिये पात्र ,ये तो बिल्कुल नायक की कैटेगरी में आता है।कहानी शुरू होती है स्टेपन अर्कादायिच(स्टीव ओब्लोंस्की )से जो कि अन्ना का भाई होता है।स्टीव की पत्नी डॉली को मालूम होता है की,स्टीव का सम्बन्ध उनकी बच्चो के देखभाल करने वाली फ्रेंच लेडी से होता है। इस बात से डॉली बहुत दुखी है और वो घर छोड़ना चाहती लेकिन वो अपने बच्चो के साथ कहां जाये यही समझ नही पा रही है।वो बस जाने की धमकी देती है, और खुद को बैडरूम में बंद कर लेती है। स्टीव अपनी बहन अन्ना को बुलाता है ,उससे मालुम है अन्ना सब ठीक कर देगी।अन्ना बहुत ही सुन्दर ,तेज-तरार किसी को भी आपने व्यक्तित्व से मोहित करनेवाली ,नए ख्याल वाली महिला होती है।साथ ही वो डॉली की दोस्त भी होती है।अन्ना की शादी अलेक्सी करेंइन से हुई होती है।अलेक्सी अन्ना से 20 साल बड़ा होता है।वो एक बहुत बड़ा गोवेर्मेंट ऑफिसर होता है।स्वाभाव से शांत ,हमेशा काम या किताबो में उलझा रहता है।शहर में उसका काफी रुतबा है।अन्ना का एक बेटा भी होता है।भाई का लेटर मिलते ही अन्ना भाई के घर आ रही होती है , ट्रैन में उसकी मुलाकात " व्रोन्स्की "  की माँ से होती है। व्रोन्स्की एक मिलिट्री मैन होता है ,घर से अमिर ,देखने में हैंडसम ,स्वभाव से थोड़ा नटखट और एडवेंचर लविंग।अन्ना जब स्टेशन पहुँची है ,स्टीव उसे लेने जाता है।उधर व्रोन्स्की भी अपनी माँ को लेने आता है।अन्ना और व्रोन्स्की एक दूसरे को देखते है और अट्रैक्ट हो जाते है।अन्ना अपने भाई के साथ उसके घर आती है। वो डॉली को समझती है कि ,वो उसके भाई को माफ़ कर दे ,और उससे एक मौका और दे। उसके समझने पे और कोई दूसरा रास्ता न होने की वजह से डॉली अपने पति को माफ़ कर देती है।उधर डॉली की एक छोटी बहन है ,जिसका नाम "केटी " है।केटी व्रोन्स्की से शादी करना चाहती है ,उसकी सुंदरता और दौलत की वजह से।केटी  की माँ भी यही चाहती है कि ,शादी व्रोन्स्की से हो जाये।उधर "लेविन" जो पढ़े -लिखे होने के वावजूद खेती करता है ,सीधा -सच्चा ,ईमानदार और खुद मेहनत करने वाला ,जबकि कितने सारे काम करने वाले मजदुर उसके खेतो में काम करते है।वो स्टीव का दोस्त होता है।लेविन केटी को काफी पहले से प्यार करता है ,लेकिन कह नही पता है।ये बात स्टीव और उसकी वाइफ डॉली को भी मालूम है।वो लेविन को कहते है कि ,वो केटी से शादी की बात करे।ऐसे दिल में रखने से केटी को कभी मालूम नही चलेगा।लेविन अपने मन की बात केटी को बताता है ,पर माँ की डर और अपनी सुबिधावो के लालच में केटी लेविन को मना कर देती है। दुखी लेविन वापस अपने गाँव चला जाता है ,कभी न शादी करने का सोच के।केटी एक पार्टी में जाती है ,जहां व्रोन्स्की भी है ,उस पार्टी में अन्ना भी आई होती है।व्रोन्स्की अन्ना को साथ डांस करने के लिए पूछता है ,पर अन्ना मना कर देती है। उसे डॉली यानि केटी की बहन से मालूम होता है ,केटी ,व्रोन्स्की से शादी करने वाली है।साथ ही अन्ना को ये भी डर है कि ,कहि उसे व्रोन्स्की से प्यार न हो जाये।अन्ना किसी और के साथ डांस करती है। व्रोन्स्की केटी के साथ डांस करता है,पर अन्ना को ही देख रहा होता है।केटी समझ जाती है।वो घर आके खूब रोती है।उससे अपने नादानी पे गुस्सा आता है कि ,क्यों उसने लेविन को ना कह दिया।क्योकि कहि न कहि वो भी लेविन को चाहती थी।बस सोसाइटी ,सुख -सुबिधा और माँ के डर से उसे ना कह दिया। जबकि जिसे साथ वो शादी करना चाहती थी ,वो एक शादीशुदा औरत के प्यार में पड़ गया।अन्ना को जैसे ही ये अहसास हुआ कि वो भी व्रोन्स्की से प्यार करने लगी है।वो अगली सुबह ही अपने पति के घर जाने के लिए ट्रैन पकड़ लेती है। जैसे व्रोन्स्की को मालूम होता है ,अन्ना जा रही है वो भी उसके साथ ट्रैन में चढ़ जाता है।व्रोन्स्की अन्ना को कहता है कि ,वो अन्ना को प्यार करने लगा है।अन्ना उससे मना करती है ,कि वो उससे प्यार नही करती और उसका एक बच्चा भी है।फिर भी व्रोन्स्की उसके साथ उसके शहर में आता है।वहां स्टेशन पे उसकी मुलाकात अन्ना के पति से होती है ,जो अन्ना को लेने आया होता है।व्रोन्स्की की चचेरी बहन" बेट्स्की  " उसी शहर में रहती है।वो अन्ना की अच्छी दोस्त होती है।व्रोन्स्की अन्ना के घर के आस -पास मंडराते रहता है।अन्ना भी खुद को रोक नही पाती है ,और क़बूल कर लेती है कि वो भी व्रोन्स्की से प्यार करती है।दोनों  छुप कर मिलने लगते है ,कभी बेट्स्की की मदद से तो कभी किसी पार्टी में।जब अन्ना के पति को ये बात मालूम होती  है ,वो अन्ना को समझाता है।उसे अन्ना से प्यार नही होता बस अपने इज़्ज़त कि वजह से की, लोग क्या कहेंगे? अन्ना भी इस बोरिंग जिंदगी से थक गई है। वो अपनी पति या अपनी इज़्ज़त का ख़्याल न करते हुए व्रोन्स्की से मिलती रहती है।अन्ना को जब मालूम चलता है कि ,वो व्रोन्स्की की बच्चे की माँ बनने वाली है।वो डर जाती है,इसलिए नही कि वो किसी और के बच्चे की माँ बनने वाली है ,बल्कि इसलिए कि वो अपने बेटे को खोना नही चाहती।उसने अपने पति को सब सच -सच बता दिया ,अन्ना अपने पति से कहती है ,कि वो व्रोन्स्की के साथ रहना चाहती है,साथ ही अपने बेटे को भी ले जाना चाहती है। पर उसका पति इस बात को राजी नही है। वो कहता है मै तुम्हे माफ़ कर दूंगा ,तुम व्रोन्स्की को भूल जाओ।अन्ना जानती है उसका पति ये सब अपने रुतबे को बनाये रखने के लिए कर रहा है।अन्ना को अपने पति से कुछ नही चाहिए सिवाय उसके बेटे के।उस वक़्त रशिया में तलाक के बहुत शख्त कानून थे ,जो दोषी होता था उसका सबकुछ छीन लिया जाता था। इस केस में अन्ना दोषी थी। फिर भी वो व्रोन्स्की के साथ रहना चाहती थी।इन्ही सब के बीच उसने एक बेटी को जन्म दिया।बेटी के जन्म के बाद अपने पति का घर छोड़ कर वो व्रोन्स्की के साथ यरोप चली गई ,बिना तलाक के।उसे बार-बार अपने बेटे की याद आती रही। उसने व्रोन्स्की को वापस रशिया चलने को कहा। एक साल बाद जब वो दोनों वापस आये शहर के सब लोग अन्ना पर हँस रहे थे ,उससे गिरा हुआ समझ रहे थे। कोई उससे मिलना पसंद नही करता था। वही दूसरी और व्रोन्स्की को कोई कुछ नही कह रहा था ,उससे सब मिल रहे थे ,पार्टीओ में बुलाते थे।ऐसा दोहरे व्यवहार से अन्ना दुखी थी ,उसे समझ नही आरहा था क्या करे ?कैसे अपने बेटे से मिले ?   

No comments:

Post a Comment