Wednesday 24 June 2015

Anna Karenina by Leo Tolstoy ( pyar ,dhokha ,ghrina,or maut ) part-2

कहानी आगे बढ़ती है। अन्ना वापस अपने शहर लौट आती है।वहाँ सब उससे नफरत करने लगते है। कोई उससे बात नही करता ,उसे अपने घर नही बुलाता।वो अपने पुराने दोस्तों से मिलने भी जाती है ,वहां उसका मजाक बनाया जाता है।वही दूसरी और सब व्रोन्स्की से प्यार से मिल रहे है।उससे समझ नही आता कि ,क्यों ये दोहरा व्यवहार? व्रोन्स्की भी उसके गुनाह में साझीदार है ,पर उसे सम्मान और मेरा अपमान क्यों ? ये 19 सताब्दी के रूस को दिखा रहा है ,जहां उस वक़्त महिला और पुरुष के लिए अलग -अलग नियम थे। खैर अन्ना अपनी पुरानी नौकरानी की मदद से अपने बेटे से मिलती है।उसे मालूम होता है, उसके बेटे को उसके पति और दोस्तों ने बताया होता है ,कि उसकी माँ मर गई। अन्ना को सामने देख उसका बेटा खुशी से फूले नही समाता है। अन्ना भी सोचती है ,ठीक ही किया उसके पति ने कि उसके बेटे को उसके मरने की कहानी कही। अगर उसे मालूम होता उसकी माँ अपने प्रेमी के साथ भाग गई है ,तो उसके बाल मन पे क्या असर होता ? इधर लेविन को मालूम होता है कि ,केटी की शादी व्रोन्स्की से नही हुई। केटी को अपनी गलती का अहसास है ,तो वो उससे माफ़ कर देता है। केटी से शादी की बात फिर से करता है। इसबार केटी की माँ भी मना नही करती है। लेविन केटी से शादी कर लेता है। केटी को भगवान में बहुत यकीन होता है।वही लेविन कभी चर्च गया ही नही होता है।केटी से शादी की खुशी में पहली बार चर्च जाता है, और फादर को अपनी दुबिधा बताता है। फादर उससे कहते है ,कोई बात नही भगवान सब को माफ़ कर देते है।केटी से शादी के बाद लेविन सोचता है ,शहर में रहने लगे। केटी को गाँव में अच्छा नही लगेगा। पर केटी खुद ही मना कर देती है। उससे मालूम है ,लेविन को अपनी जड़ो से कितना प्यार है। शहर रह कर वो खुश नही रह पायेगा।लेविन भी केटी के इस निर्णय से बहुत खुश होता है ,वो सोचता है कि ,वो कितना भाग्यवान है जो केटी उससे मिली।गाँव जाने के बाद केटी और लेविन में थोड़े झगडे होने लगे। केटी को लेविन की पुरानी नौकरानी नही पसंद थी।लेविन उसे हटाना नही चाहता था। उससे काफी समय से लेविन की बहुत देख -भाल की थी एक माँ की तरह।केटी को लेविन के गाँव के घर में भी कुछ बदलाव करने थे। लेविन इसके लिए राजी नही हो रहा था।शादी के 3 महीने उनके लिए काफी कठिन थे।लेविन ने जैसी कल्पना की थी केटी के साथ ,वैसा कुछ भी नही हो रहा था।केटी को भी लगता था, लेविन उससे समझ नही पा रहा है।कुछ महीनो बाद लेविन के भाई की तबियत बहुत ख़राब हो जाती है।लेविन का भाई किसी दूसरे शहर में रहता  था।उसकी चिठ्ठी पाकर लेविन उससे मिलने की तैयारी करने लगता है। केटी भी साथ जाने की जिद्द करती है। लेविन उससे मना करता है।लेविन जनता है उसका भाई शराबी ,अकड़ू ,गुसैल है। वो जैसे -तैसे अपना गुजरा कर रहा है।लेविन ने उसे कई बार मदद की भी कोशिश की पर उसके भाई ने मना कर दिया। ऐसी हालत में लेविन नही चाहता था,कि केटी उससे मिले। उसके भाई को बुरा लग सकता था।अपनी गरीबी केटी के सामने प्रकट होते देख। पर केटी कहाँ मानने वाली थी ,उसने रोना शुरू कर दिया। लेविन को गुस्सा भी आ रहा था,पर उसे रोता देख बोला तुम भी चल लो।दोनों भाई के पास पहुंचे।उसके भाई ने एक बहुत ही छोटा कमरा किराये पे लिया हुआ था। कमरे में अँधेरा ,और दवाओ की बदबू आरही थी। उसका भाई एक गंदे कपडे में मुर्दे की तरह लिपटा हुआ था। शरीर पे सिर्फ पीली आँखे दिख रही थी। उसकी ऐसी हालत देख लेविन काँप उठा।केटी को देख उसका भाई खुश हो गया कि ,चलो लेविन ने शादी तो की। वो उनकी शादी में नही गया था। केटी से उसकी ऐसी हालत देखी नही गई।लेविन के मना करने पर भी उसने कमरे की सफाई की ,कैंडल जलाये ,लेविन की मदद से उसके भाई के कपडे बदले। ये सब देख लेविन और उसके भाई के आँखों में आंशु आ गये। दोनों को मालूम था कि वो चंद घंटो का मेहमान है।फिर केटी ये सब क्यों कर रही है ? लेविन केटी से पूछता है ,तो वो कहती है ,मुझे भगवान में विश्वास है। हो सकता है तुम्हारा भाई बच जाये। नही भी बचेगा तो जीवन के कुछ आखिरी क्षण तो अपने परिवार के साथ सुकून से बिताये। लेविन अपनी सारी गलतियों के लिए केटी से माफ़ी मांगता है। केटी भी अपनी नादानियों के लिए लेविन से माफ़ी मांगती है।कुछ घंटो बाद लेविन के भाई की मौत हो जाती है। लेविन पहली बार किसी को सामने मरता हुआ देख ,अंदर से काँप जाता है।वो समझ नही पता है कि मौत क्या ,क्यों है और क्यों होती है ? लेविन केटी के साथ अपने घर वापस आ जाता है।लेविन अपने काम में फिर से लग जाता।कुछ दिनों बाद उसे मालूम होता है ,केटी माँ बनने वाली होती है।लेविन की लाइफ में सब ठीक चल रहा होता है। दूसरी तरफ अन्ना को व्रोन्स्की से चीड़ होने लगती है। उससे लगता है ,व्रोन्स्की उसको घर पे छोड़ कर खुद दोस्तों के साथ मौज -मस्ती करता है। अन्ना और व्रोन्स्की में रोज झगडे लगते है। अन्ना जल्द से जल्द व्रोन्स्की से शादी करना चाहती है। मगर तलाक न होने की वजह से वो शादी कर नही पाती है। व्रोन्स्की भी अन्ना को समझता है तलाक के लिए ,पर अन्ना तलाक लेना नही चाहती है। वो अपने बेटे को खोना नही चाहती है। व्रोन्स्की भी मिल्ट्री बीच  में अन्ना की वजह से छोड़ चूका होता है।वो भी काम के सिलसिले में ज्यादातर बाहर रहता है,ताकि वो ,अन्ना और उसकी बेटी ठीक से रह सके। अन्ना को उसका अकेले जाना बिल्कुल पसंद नही। वो पुरे दिन घर में बोर होती रहती है।अपनी परेशानियों और लोगो कि तानो की वजह से अन्ना नशा करने लगती है। उसे लगता है व्रोन्स्की की माँ व्रोन्स्की को जायदात के लिए नही ,बल्कि उसकी शादी कही और करने के लिए बुलाती रहती है। अन्ना ने कल्पनाओ की एक दुनिया बना ली होती है। व्रोन्स्की भी उसके शक और लड़ाइयो से परेशान रहने लगा है।अन्ना को लगता है ,व्रोन्स्की का प्यार उसके लिए ख़त्म हो गया है।एक दिन जब व्रोन्स्की अपनी माँ से मिलने गया होता है,अन्ना को लगता है कि व्रोन्स्की उसको धोखा दे रहा है। उससे लगता है, जिसके लिए उसने घर ,पति ,अपने बेटे को छोड़ा वो उस लायक नही।वो जानती है ,की वापस अपने घर जायेगी तो उसका पति उसे माफ़ कर देगा।पर वो जाना नही चाहती। व्रोन्स्की के लिए उसके दिल में आज भी प्यार है।शायद समय के साथ अन्ना का प्यार बढ़ता गया और जिम्मेदारी के बोझ में व्रोन्स्की का उतना ही रह गया जितना पहले था।अन्ना घर से बाहर निकल जाती है। उसे घर में घुटन हो रही है।कई महीनो से उसने व्रोन्स्की ,एक नौकर के अलावा किसी को नही देखा।घर से निकलने के बाद वो सोचती है कहाँ जाये ? वो स्टेशन की तरफ चली जाती है।वहां वो ऐसे ही किसी जगह की टिकेट ले लेती है ,और ट्रैन में सवार हो जाती है।स्टेशन आ जाने पर उतर के वो सोचती है ,की क्या करे अब ,कहाँ जाये ? किसी को जानती भी नही यहाँ।इसी उड़न -बेध में  सोचती है ,उसका मर जाना ही ठीक है।कोई उसके साथ खुश नही ,न वो किसी के साथ खुश है। सामने एक मालगाड़ी आती दिखती है और वो उसके सामने खड़ी हो जाती है।रात के अँधेरे में मालगाड़ी उसे चीरते हुए निकल जाती है।व्रोन्स्की अन्ना के मौत के बाद अपनी बेटी को अन्ना भाई को सौप फिर से मिलेट्री ज्वाइन कर लेता है।वो कही न कही खुद को अन्ना का मौत का दोषी समझता है। वो सोचता है , मिल्ट्री में लड़ते हुए अपने प्राण दे देगा।कम से कम उसका जीवन देश के काम तो आएगा।उधर केटी को लेबरपेन होता है।लेविन उसकी हालत देख घबड़ा जाता है।उसे अपने भाई की मौत याद आ जाती है। वो डर जाता है कि केटी को कुछ हो गया तो ? वो भगवान को याद करता है। डॉक्टर उसको बताता है ,उसे बेटा हुआ है।अपने बच्चे को हाथ में लेकर वो केटी को देखता है।उसे आज समझ आई है अगर जन्म है ,तो मृत्यु निश्चित है।ये प्राकृतिक का नियम है।आज वो पूरी तरह संतुस्ट है।लेविन अपने परिवार के साथ खुश है। 

निष्कर्ष :- अन्ना ने सिर्फ और सिर्फ अपने बारे  में सोचा। उसने सिर्फ प्यार किया ,उसमे विश्वास नही था ,माफ़ी नही थी,जीवन से लगाव नही था।वही लेविन ने प्यार किया , माफ़ी दी ,माफ़ी मांगी ,जीवन समझा।आखिर किसान  जो था। उसका काम धरती में बीज डाल के 
फसल उगना था। लोगो को जीवन देना था। इस कहानी से मुझे यही समझ आता है ,कभी भी स्वार्थी न बने। अपने आस- पास के लोगो के बारे में भी सोचे।एक रिश्ते से कितने लोग जुड़े होते है।अगर आगे बढ़ भी जाते है तो ,विश्वास रखे तभी रिस्ता मजबूत होगा। मैंने कहानी को काफी संक्षेप में लिखा है। इसमें इतनी सारी  भावनाए है कि ,उनको दो पेज में नही लिख सकते।इसी के साथ ख़त्म होती है ,एक उम्द्दा रचना जो लियो टॉलस्टॉय द्वारा लिखी हुई थी। 

No comments:

Post a Comment