बॉस्टन, नाम तो सुना ही होगा।ये किसी फिल्म का डायलॉग नही।बस यूँही पूछ लिया मैंने।याद है जब हमलोग "बॉस्टन टी पार्टी " के बारे में पढाया गया था।मास्टर साहब ने कहा कल आपको बॉस्टन टी पार्टी के बारे में बताएँगे। नाम सुन के लगा कोई पार्टी हुई होगी ,जिसमे चाय पिलाई गई होगी।सोचा चलो कुछ तो मजेदार हुआ था इतिहास में।वरना हमेशा तारीख पे तारीख ,या उनके वंसज या युद्ध की तिथि या कौन हरा कौन जीता को रटते रहो।इतनी लड़ाइयों को पढ़ -पढ़ कर ,हम पर भी युद्ध की खुमारी चढ़ती।भाई और मैं प्रैक्टिकल करते।तो माँ क्यों पीछे रहती।युद्ध से जो घर की छति होती उसकी पूर्ति तो करती।फिर माँ बनती थी रानी लक्ष्मी बाई और हम दोनों मासूम भारतीय सैनिक जो अंग्रेजो की तरफ से लड़ रहे थे :) माँ हमें गाजर - मूली की तरह काट डालती ,फिर महसूस होता युद्ध का दर्द :P लगता था कैसे इतिहास से पीछा छूटे ? अब लगता है, समय कोई भी हो इतिहास कभी पीछा नही छोड़ता।उदाहरण देख लीजिये मैं अभी अपने स्कूल टाइम की बात कर रही हूँ ,जो की इतिहास बन चूका है।खैर बात बॉस्टन की।ये वही बॉस्टन है, जहाँ बॉस्टन टी पार्टी हुई थी।इसमें भी कोई चाय - वाय नही पिलाई गई थी।ये वो वक़्त था ,जिस समय ब्रिटेन का हर जगह राज था।ब्रिटेन से मामूली कर पर चाय का आयत अमेरिका में होता था।उस वक़्त बॉस्टन अंतराष्ट्रीय पोर्ट हुआ करता था।अमेरिका ने कर का विरोध किया।और इस विरोध में अमीरीकी लोगो ने बॉस्टन हार्बर पर, चाय से भरी तीन जहाजो के चाय को चेस्टर नदी में बहा दिया। कहा जाता है ,इस बिरोध का अमेरिकी क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान रहा।बॉस्टन टी पार्टी को काफी सारी क्रांति में उदाहरण के रूप में दिया जाने लगा।महात्मा गांधी ने भी नमक के कानून के वक़्त इसका जिक्र किया था। खैर मैं अब इतिहास से बाहर आती हूँ।बॉस्टन मस्चुस्टस की राजधानी है। हार्वर्ड ,मस्चुस्टस इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MIT ), बॉस्टन यूनिवर्सिटी इसकी ख़ाश पहचान है।टाइम था लॉन्ग वीकेंड का।शतेश ने प्लान किया बॉस्टन जाने का। घूमना तो एक बहाना था ,हमें शतेश के दोस्तों से मिलना था :) न्यू जर्सी से बॉस्टन बाई ड्राइव 4 आवर्स की दुरी पर है।हमलोग गुरुवार को शाम 5 बजे घर से निकले।जाने के दो रास्ते है ,एक टोल पेय करके दूसरा बिना टोल के। हमने दोनों का टाइम डिफरेंस चेक किया तो एक घंटे का अंतर आया। फिर डिसाइड हुआ टोल से चलते है ,थोड़ी जल्दी पहुंचेंगे।हमें "मिस्टर बंसल" के यहाँ जाना था।मिस्टर बंसल और शतेश की दोस्ती कॉग्निजेंट के ऑफिस में हुई।शतेश के मुताबिक मिस्टर बंसल काफी इंटेलीजेंट और सीधे -सरल वयक्ति है।मिस्टर बंसल और मिसेस बंसल पहले ऐसे शतेश के दोस्त थे, जिनसे बिना मिले मैंने खुद से बात करना शुरू कर दिया था।कारण उनकी प्यारी बेटी "तृषा" एक दिन शतेश ने मुझे उसकी फोटो दिखाई और मैं खुद को रोक नही पाई :) उसे देख के लगा कोई पोस्टर बेबी है इतनी प्यारी।शतेश हमेशा कहते बंसल भाई बिल्कुल गाय है।मुझे हंसी आई और मैं बोली तुमने मुझे भी गाय समझ के शादी की पर वो गाय गलती से मारखाय निकल गई :P हमलोग रास्ते में आरव की बात करते जा रहे थे।आरव मेरे निआग्रा वाले ब्लॉग का सुपर हीरो था।मैंने आरव को कॉल लगाई थोड़ी बाते की तब तक टोल आ गया।ऐसा लग रहा था टोल वाला रूट लेके गलत किया।बार -बार टोल।हमने कुल मिला के 4 /5 जगह टोल पेय किया ,लगभग 25 /30 डॉलर और ट्रैफिक भी मिला।मैं थोड़ी थकी हुई थी,और मेरे गले में ख़राश सी हो रही थी।दिन में मेरी एक यूरोपिन फ्रेंड " डेजी " ने पूल पार्टी ऑर्गनाइज़ किया था।वो न्यू जर्सी से डलास मूव हो रही थी।मैंने उसे कहा मुझे आज 5 बजे से बॉस्टन जाना है।उसने कहा कोई बात नही तुम जल्दी वापस आ जाना,पर चलो।मैं गई तो पर मस्ती में भूल ही गई टाइम।शतेश का कॉल आया कि , तैयार हो न मैं निकल रहा हूँ ,ऑफिस से। मैंने डेजी को बाय किया और भागी घर की तरफ।घर आने के बाद फटाफट बैग पैक किया और तैयार हो गई।उस वक़्त मेरी फुर्ती देख कोई नही कह सकता की महिलाये तैयार होने में समय लगाती है।धूप में पूल में ज्यादा देर रहने से सर्दी -गर्मी अपना असर दिखाना शुरू कर दी। मेरी आवाज भारी होने लगी थी।शतेश ने कहा अब बात बंद गाना सुनते हुए चलते है।वरना मिस्टर बंसल के यहां जाके और बोल नही पाओगी।रात के 10 बज गए थे ,हमलोग गाने सुनते हुए जा रहे थे।तभी पुलिस के सायरन की आवाज और लाइट हमारी गाड़ी पर पड़ी।नियम के मुताबिक शतेश ने गाड़ी साइड में रोकी। हमलोग कंफ्यूज की हमने तो कुछ गड़बड़ नही की ,फिर हमें क्यों रोक ? जब आपको पुलिस रोके तो आपको गाड़ी साइड में रोक के गाड़ी में ही बैठे रहना होता है ,जब तक कोई पुलिस वाला ना आये। हमलोग इंतज़ार कर रहे थे ,तब तक ओ माय गॉड इतनी सुन्दर और फिट पुलिस वाली आई।उसने पूछा तुम्हे पता है कि ,तुम्हे क्यों रोका ? मैंने कहा नही।शतेश का कोई रिप्लाई नही। मैंने मन में सोचा भगवान क्या लड़का है ? पुलिस ने रोका है और ये देखे जा रहा है। ये साबित करता है ,कुछ भी हो लड़के लड़के ही होते है :) थोड़ी देर में शतेश पुलिस वाली से बोले नही पता तुम बताओ क्यों रोका,मैं कोई स्पीडिंग नही कर रहा था ?मैंने फिर सोचा बन्दा मरवायेगा क्या , क्यों टशन दे रहा है? पुलिस वाली ने कहा तुम मेरे गाड़ी के काफी नजदीक थे। शतेश फिर बोले मैंने लेन चेंज किया और सेफ डिस्टेंस पे था।मैंने शतेश को बोला क्यों पंगा ले रहे हो।मैंने पुलिस वाली को सॉरी बोला पर शतेश नही।वो और खार खा गई और रूल्स बताने लगी एक गाड़ी और दूसरी गाड़ी में लगभग 3 कार का डिस्टेंस होना चाहिए।ये पूरे अमेरिका में नियम है।शतेश से उसने गाड़ी के पेपर और लइसेंस मांगे।पेपर शतेश ने उसे दिया और बोला मैं सेफ ड्राइव कर रहा था।उसने कुछ कहा नही और बोली वेट करो। 2 /3 मिनट बाद एक इन्वेलोप के साथ आई और बोली लॉन्ग वीकेंड है केयर फूली ड्राइव करो।खूबसूरत हसीना इन्वेलोप दे कर चली गई। शतेश ने एनवेलोप खोला तो 132 डॉलर का चुना लगा गई थी , क़ानूनी हसीना :) शतेश गुस्से में थे ,ये क्या बात हुई ? मैंने कहा और घूरो और टशन दिखाओ उसे :) मैं हँसे जा रही थी ,की चलो मेरे ब्लॉग के लिए कुछ मसाला मिला और ट्रिप भी एडवेंचरस हुई :) आगे की यात्रा वृतांत कल फिर से.. ....
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