Tuesday 11 August 2015

तारीफ में कंजूसी ,तुम सुन्दर हो !!!!

दिन के एक बज रहे थे।शतेश खाना खाने घर पर आये थे।अमूमन वो मेरी तारीफ कभी -कभार ही करते है।आज कभी -कभार वाला दिन था।कहते है,तपस्या बहुत अच्छी दिख रही हो।घर पर तो तुम बहुत अच्छे से रहती हो ,बाहर जाते वक़्त क्या हो जाता है ? लीपा -पोती से अजीब बन जाती हो।यही कहना मेरे भाई का भी है।शायद इन दोनों को जैसे -तैसे वाली लड़कियाँ  पसंद है।उलझे बाल ,फैला काजल ,गेहुआ रंग ,नो पाउडर,लाली  ,लिपस्टिक।खैर जो भी हो हर इंसान को अपनी तारीफ अच्छी लगती है।मैं भी खुश हो गई।शतेश के जाने के बाद मैं तुरंत शीशे के पास  भागी। देखने के लिए क्या मैं सच में अच्छी दिख रही हूँ।मुझे तो कुछ खाश नही दिखी मैं। उल्टा मैं काजल और बाल को ठीक करने लगी।फिर ख्याल आया कही शतेश मेरा मजाक तो नही बना रहे थे ,या आज ऑफिस से लेट तो नही आना।जो मक्खन लगा रहे हो।थोड़ा गुस्सा आया ही था ,की शतेश का चेहरा सामने आया।कितने प्यार से तो कहा था ,आज अच्छी दिख रही हो।शायद बाहर के बारिश का असर हो ,लड़का कवि बन रहा हो।शीशे को पीछे छोड़ , मैंने  सोफे पे आसान जमा "टुयूस्डेस विथ मोर्री "मीच अल्बोम् की लिखी हुई किताब पढ़ने लगी।किताब पढ़ ही रही थी कि ,मेरी एक दोस्त "डेसी" का कॉल आया।डेसी एक यूरोपियन लड़की है ,जिसका रियल नाम बहुत ही कठिन है।वो अपना दूसरा नाम ही दोस्तों को बताती है।अभी कुछ दिनों पहले ही वो टैक्सस मूव हुई है।कॉल पर कहती है ,हे लवली ,कैसी हो तुम ? टैक्सस में बहुत गर्मी है।सोचा तुमसे बात करू ,तुम्हारी बाते ठंढी हवा के झोके जैसी होती है।मैंने हँसते हुए कहा मैं ठीक हूँ।अरे बच के रहना ,एक तो गर्मी ऊपर से ठंडी हवा का झोका ,शर्दी -जुकाम हो जायेगा।हम दोनों हँसने लगे।बातो -बातो में दोनों थोड़े इमोशनल भी हो गए। हम दोनों ने साथ में बहुत अच्छा समय बिताया था।संगीत में दोनों की रूचि ,तो म्यूजिक कंसर्ट में कई बार साथ जाना।गर्ल्स डे आउट ,और भी बहुत कुछ। मैंने हमेशा उसमे एक चीज़ देखी उसे ,जो अच्छा लगता है ,उसे बिना देर किये तारीफ करती है।फ़ोन रखने के बाद मेरा मन थोड़ा देर डेसी और उसके बच्चो के आस -पास घूमता रहा।मेरी एक दोस्त ने मुझे एक दो बार कहा भी है ,तपस्या तुम बातो को दिल से ले लेती हो।मैंने हँसते हुए उससे कहा था ,क्या करे मीन राशि जो ठहरे।वैसे भी जब भगवान ने दिल दिया है ,तो कभी -कभार  सिर्फ खून को पंप करने के अलावा कुछ और भी करवाओ दिल से। उसका भी स्वाद बदलेगा।वरना बोर नही हो जायेगा ? डेसी को याद करते हुए मैं सोच रही थी ,हमलोग कितना कंजूसी करते है ,तारीफ करने में।कुछ लोग तारीफ भी करते है ,तो दुखी मुद्रा में।जैसे मुझे याद है ,जब मैं स्कूल में पढ़ती थी।भगवान की दया से अच्छे नम्बर आ जाया करते थे।बगल में रहने वाली शास्त्री जी की पत्नी माँ को देखती तो कहती ,सुने है लवली क्लास में फर्स्ट आई है ? माँ सीना चौड़ा कर कहती हाँ जी।शास्त्री जी की पत्नी कहती ,कैसे ना आती फर्स्ट ,कोई घर का काम नही करती।सिर्फ पढ़ना ,खेलना और स्कूल जाना।वो तो बचपन की बाते थी।जब बड़ी हुई कॉलेज जाने लगी।दोस्त कहते अच्छी दिखती है ,पर बाल क्यों बच्चो जैसे छोटे -छोटे रखे है ? पढाई हुई ,जॉब लगा।फिर अच्छा हुआ बेटी कमाने लगी, वैसे हमलोग तो बेटियों का कमाया नही खाते।ये कमो बेस तारीफ से लिपटा ताना इंडिया में हर कही मिल जायेगा आपको।बेटी की कमाई की डर से माँ मेरी शादी के पीछे पड़ गई।शादी हुई।ससुराल आई।आस -पास वाले दुल्हन यानि मुझे देखने आये।फिर वही सुन्दर तो पतोह बाड़ी लेकिन तनी पातीर बाड़ी (सुन्दर तो बहू है पर दुबळी है ) ,कोई बात नइखे खाइये -पीये  घर में रहिये त मोटा जैहीए (कोई बात नही खायेगी ,पियेगी ,घर में रहेगी तो मोटी हो जाएगी ) मानो इससे पहले मैं उपवास पे थी या वन में रहती थी। हद हो गई नाम तपस्या इसका मतलब ये नही मैं संत थी।लोगो को कमी निकलने या दुःख के साथ तारीफ करना अच्छा लगता।कभी गलती से ये नही कह सकते तुम अच्छी /अच्छे हो।वैसे तो मैं जो चीज़ या इंसान अच्छा लगता है ,उसकी तारीफ तुरंत कर देती हूँ।पर कई बार बातो में भूल जाती हूँ। तो आज उन सभी दोस्तों की तारीफ दिल से क्योकि दिल से अलग -अलग काम लेते रहना चाहिए।
आज मैं सब का नाम लिख रही हूँ। उम्मीद करती हूँ ,किसी  बुरा न लगे ,वैसे तारीफ सबको अच्छी लगती है। 
आकांक्षा तुम मुझे हर ड्रेस में प्यारी लगती हो।मैंने कई बार तुम्हे कहा भी है।मुझे तुम्हारी याद बहुत आती है।तुम मेरी पहली दोस्त थी परदेश में ,और हमेशा रहोगी।सरिता तुम मुझे लहंगे वाली फोटो में बहुत अच्छी लगी।वैशाली जब तुमसे पहली बार मैं मिली थी ,बहुत प्यारी लगी तुम। पर पार्टी की मस्ती में कहना भूल गई।पूनम तुम्हारी तारीफ तो मैंने कॉल करके की।स्वाति तुम तो हम दोनों को पसंद हो।अपराजिता मैंने तुम्हे कहा भी था , शोभना के बेबी सॉवर वाले दिन। तुम ब्लैक साड़ी में बहुत अच्छी लगी थी।वही शोभना नव्या के जन्मदिन के दिन बहुत अच्छी लग रही थी,खाना तो तुम बेमिशाल बनाती हो।बबिता आप बैलून फेस्टिवल के दिन बहुत प्यारी लग रही थी ,आपका ड्रेस बहुत अच्छा था। मैं सोच रही थी बोलूं तबतक आरव दिख गया।अंकिता आपको मैं फार्मर्स डोनेशन डे फेस्टिवल वाले दिन कहना चाह रही थी ,की अच्छी दिख रही हो।पर आप व्यस्त थी।निक्की तुम्हारे हाथ के खाने के हम दोनों कायल हो गए थे।तुमसे पहले -पहल मिलना ही यादगार बन गया। गुंजन और शैलजा आपदोनो आरव के जन्मदिन पर बहुत अच्छे दिख रहे थे।ज्योति बंसल आप नारंगी वाले सूट में तो  कहर ढा रही थी।सारे लड़को को मेरा सलाम ,आप अपने हंसी -मजाक ,देश -दुनिया ,ज्ञान -विज्ञान की बातो से मुझे प्रभावित करते है।जिन दोस्तों को न कह पाई हो ,उनसबको मेरा सलाम आप सब बहुत बहुत अच्छे और सुन्दर वयक्तित्व के मालिक हो।मेरे सारे इंडिया वाले दोस्तों ,आपलोगो को  फेसबुक ,वाटसप पर तारीफ करती हूँ ,करती रहूंगी।मेरी सारी जादुई फैमिली।जिनको भागवान ने खूबसूरती के साथ प्यारा दिल ,तेज दिमाग और सद्भाव की भावना दी है।रश्मि मौसी ,डेसी दी ,शिल्पी ,बंटी ,अनामिका ,रिचा ,चुलबुल ,पवन ,बिटू ,टिंकू ,सनी मामा ,प्रकाश ,मनिंदर भईया आपकी तारीफ के  लिए शब्द नही मेरे पास।मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो आपलोग जैसे दोस्त और परिवार  का साथ मिला।अंत में तारीफ करे तो खुशी से करे।कभी -कभी तारीफ से ख़ुद को भी अच्छा लगता है।जैसे मुझे  लग रहा है ,आपकी करके !

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