कुछ दोस्तों ने मुझसे पूछा था ,मियामी की यात्रा कब लिखोगी ? मैंने तब उनको यही कहा था कि ,साल के अंत में मियामी और न्यू यॉर्क के बारे में लिखूंगी।मिआमी और कोलोराडो मेरी सबसे पसंदीदा यात्रा रही है।अब तक की यात्राओ में से।मिआमी जहाँ बिना प्लान के सब कुछ मजेदार हो रहा था।वही कोलोराडो दोस्तों के साथ रोड ट्रिप (16 घंटे की) मजेदार थी।अभी बात मिआमी की।मियामी जाने के लिए शतेश ने यूनाइटेड एयर लाइन की टिकेट ली थी।टिकट थोड़ी सस्ती मिली थी।पर उसमे एक क्लॉज था।अरे भाई कोई भी चीज़ सस्ती या फ्री नही होती क्या समझे ?तो क्लॉज ये था कि ,हमलोगो को डायरेक्ट नेवार्क से फ्लाइट ना लेके,पहले फिलिडेल्फिया जाना होगा।वहाँ से "एम ट्रैक" लेकर नेवार्क जाना होगा।फ्लाइट की टिकट एम ट्रैक के टिकेट काउंटर पर ही मिलेगी एकसाथ।फिलिडेल्फिया हमारे घर (न्यू जर्सी )से 45 मिनट या एक घंटे की दुरी पर होगा।बेस्ट पार्ट ये था की ,हमें एम ट्रैक का टिकेट नही लेना था।हमलोग खुश थे की ,अमेरिका के सबसे तेज चलने वाली,महँगी ट्रैन का हमलोग फ्री में दौरा कर रहे है।मुझे नही पता इससे एयरलाइनस को क्या फायदा हुआ होगा।हो सकता हो उनका कुछ एम ट्रैक वालो से कॉन्ट्रैक्ट हो।फिलिडेल्फिया पहुंच कर हमने वहाँ से एम ट्रैक लिया नेवार्क एयरपोर्ट के लिए।शाम के 8 बजे के करीब हमारी फ्लाइट थी।नेवार्क हमलोग समय से पहुंच गए थे।थोड़ा टाइम था ,तो हमने सोचा खाना खा लेते है।वैसे भी लोकल फ्लाइट में खाना नही मिलता।एयरपोर्ट पर ही रेस्तरां एरिआ में फ्राइड राइस ,सलाद और वेज रोल लिया।खाना ख़त्म करके वेटिंग एरिया में कुछ 20 मिनट वेट किया होगा।इसके बाद चेकिंग शुरू हो गई। हमलोग11 :30 के आस -पास मियामी से नियरेस्ट एयरपोर्ट "वेस्ट पाम बीच" पहुंचे।गाड़ी रेंटल लेने और बाहर निकले तक 12 ;45 हो गए थे।वहाँ से पास में ही शतेश ने हॉटेल बुक किया था।हमलोग 1 बजे तक हॉटेल पहुँचे।अगले दिन सुबह 9 बजे फ्रेश होकर हमलोग ब्रेकफास्ट के लिए निकले।ब्रेकफास्ट के साथ कहाँ -कहाँ जाना है ,का बुकलेट देखने लगे।जो हर टूरिस्ट प्लेस के हॉटेल या रेस्तरॉ में मिलता है।हुमलोगो ने एक दिन बीच ,एक दिन कीवेस्ट और एक दिन एक्टिविटी और अदर्स के लिए रखा।फटाफट तैयार होकर हमलोग निकल पड़े फेमस साउथ बीच की तरफ।शतेश ने जीपीएस में पॉइंट ऑफ़ इंट्रेस्ट डाला।और साउथ बीच की तरफ निकल पड़े।जीपीएस ने रास्ते में एक और बीच दिखाया।शतेश बोले इस बीच को भी देखते चले क्या ?सुना है यहाँ के सारे बीच बहुत सुन्दर है।मैंने कहा ठीक है चलो।रास्ते में ही तो है।इसे भी देख लेते है।हमलोग वहाँ पहुँचे तो ,पार्किंग के सिर्फ 7 डॉलर की।पार्किंग टिकेट के साथ संस्क्रीम के दो छोटे पाउच भी मिले।हमदोनों खुश कि ,इतनी सस्ती पार्किंग मिल गई।साथ में संस्क्रीम भी।वैसे भी हमारी क्रीम जल्दीबाजी में घर पर ही रह गया था।मैंने रास्ते में शतेश को बोला था ,कही मेडिसिन शॉप या वॉलमार्ट देख कर रोक लेना संस्क्रीम लेनी है।हमें कही कोई शॉप ऐसी नही दिखी।शतेश बोले अरे यार टेंशन मत लो।हमलोग इंडियन है।हमें टैनिंग नही होती :) गाड़ी पार्क करके हमलोग बीच ढूँढने लगे।जहाँ पार्किंग थी ,उसके सामने समदर तो था ,पर किनारे पत्थर लगे हुए।बैठने के लिए बेंच और ग्रिल करने की जगह थी।ट्रेल बने थे वॉक के लिए।दूसरी तरफ सड़क थी।4 -5 लोग तौलिया लेकर उस तरफ जा रहे थे।शतेश बोले इन्ही के साथ चल लेते है। लोग सड़क को पार कर लाइन से लगे पेड़ की तरफ जा रहे थे।हमलोग जब उधर गए तो एक बोर्ड पर लिखा था "हॉलोवेर बीच" दिस साइड।हमलोग भी सड़क को पार करके बीच की तरफ गए।दो -चार लोग आते -जाते दिख।मैंने शतेश से पूछा मैंने तो सुना है ,यहाँ के बीच पर बहुत भीड़ होती है।यहाँ तो लोग ही नही दिख रहे।शतेश बोले मै भी पहली बार आया हूँ मियामी।चलो थोड़ा आगे चलते है।हमलोग थोड़ा ही आगे गए होंगे कि ,कुछ नंगे लोगो को दौड़ते देखा।मैं हँस पड़ी।हमे लगा एक आध पागल हर जगह मिल जाते है ,शायद ये वही हो।हमलोग इग्नोर करके आगे गए।ओ बेटा आगे का नज़ारा देख कर मेरे तो आँख -कान दोनों लाल हो गए।शतेश मुझसे बोलते है ,कही ये न्यूड बीच तो नही ? मैंने कहा मुझे क्या मालूम।आपने जीपीएस देवी से पूछो।शतेश मुझसे सॉरी -सॉरी किये जा रहे थे।हमलोग ने सोचा अब क्या करे ? उन सारे लोगो में मतलब 1000 /2000 आदि मानव के बीच हमलोग बिल्कुल अलग दिख रहे थे।हमने सोचा थोड़ी देर बैठ जाते है।कोई एक कोना पकड़ के समुन्दर की तरफ देखते है।तुरंत जाना भी थोड़ा अजीब लग रहा था।वैसे भी कुछ लोग हमें भी देख रहे थे।वो समझ गए होंगे की ,हमलोग पहली बार ऐसी जगह पर आये है।या जैसे मैंने उन्हें पागल समझा था ,वो हमे समझ रहे होंगे।हमलोग थोड़ा और आगे जाकर ,जहाँ थोड़ी कम भीड़ थी।एकदम समुन्दर के किनारे तौलिया बिछाया ताकि हमारे आगे कोई ना हो।समुन्दर की तरफ देख के बाते करने लगे।बाते भी क्या इंडिया और अमेरिका के फ्रीडम को लेकर।यहाँ देखो ,औरत -मर्द ,बूढ़े -जवान सब नंगे मतलब नंगे घूम रहे है।आदि मानव की तरह।किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा था।सब अपने -अपने तरह से एन्जॉय कर रहे थे।कोई डिस्क थ्रो खेल रहा था ,तो किसी का पति या बॉयफ्रेंड अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड का मसाज कर रहा था।बूढ़े लोग कही चेयर पर कही नीचे लेटे आराम से बाते कर रहे थे।इनसब सब दृश्य के साक्षी हमलोग बात -चीत के दौरान थोड़ा -इधर उधर नजर मार कर बने थे।तभी कुछ यंग लड़के -लड़की का ग्रुप हमारे सामने खाली पड़े समदर में कूद गया।अब हमलोग किधर देखे ? उफ्फ ये भारतीय लोक -लाज का खून।।शतेश को कुछ नही सुझा तो ,पेट के बल बालू पर लेट कर मोबइल निकाल कर अगला डेस्टिनेशन ढूँढने लगे।बोले बहुत हुआ चलते है। हमलोग अमूमन 15 -20 मिनट रुके होंगे वहाँ।बेचारे शतेश मन में सोच रहे होंगे ,यार कहाँ से तपस्या के साथ आ गया।अकेले या दोस्तों का साथ होना चाहिए था यहाँ।और मै चलो ये भी शौक पूरा करवा दिया तुमने शतेश को बोला।शतेश को लगा ये कमेंट था शरमा कर बोले ,अरे मुझे भी कहाँ मालूम था।हमलोग वहाँ से चलने लगे।आते वक़्त कोने पे झाड़ के नीचे एक बोर्ड दिखा। जिसपे लिखा था -बियॉन्ड दिस पॉइंट न्यूड बीच स्टार्ट।सेक्स इस ओफ्फेंसिव।यू मेय अरेस्टेड।नोट का सार ये था कि -इसके आगे नग्न लोग का समंदर मिलेगा।शारीरिक सम्बन्ध जुर्म है ,आपको जेल भी हो सकती है।मैं तो जोर -जोर से हँसने लगी ,कि इस बोर्ड को इतने कोने में क्यों लगा रखा है ? ताकी हम जैसे लोग कही नज़र पड़ते ही ना भाग जाये।पर एक बात माननी पड़ेगी।आजादी का हर मायना मैंने यहाँ (अमेरिका ) में देखा ,समझा और महसूस किया है।अच्छा है ऐसे बीच इंडिया में नही है।आप सोच सकते है ।वहाँ तो कपड़ो के ऊपर रेप हो जाता है।फिर यहाँ तो बात न्यूड बीच की थी।ये रहा हॉलोवेर बीच का एक कोना
तो ये थी ,हमारी अनप्लानड यात्रा।हॉलोवेर बीच के बाद हमलोग ने जीपीएस माता को छोड़ गूगूल भईया का साथ चुना।और पहुँच गए ,साऊथ बीच।कल उसकी कहानी ...........
No comments:
Post a Comment