Tuesday 29 December 2015

फोटोग्राफर कम डिवोर्स कंसल्टेंट !!!!

कल के मेरे ब्लॉग से बहुत लोग सदमे में होंगे।शरमा कर लाइक किया होगा ,और कमेंट ऐसे चीज़ो पर हिम्मत वाले ही करते है।मै माफ़ी चाहूँगी।मै कोई ताना नही दे रही आप सब को।बस मन में थोड़ा डर है कि ,आप मुझे असभ्य या अश्लील ना सोच ले।क्या करूँ जब यात्रा के बारे में लिख रही हूँ।जो भी हुआ वो ना लिखना नाइन्साफ़ी होगी ,आपलोग के साथ।या फिर हो सकता हो मेरे कोई दोस्त जो न्यूड बीच जाना चाहते हो।कमसे कम मेरा ब्लॉग पढ़ कर उनको जाने की हिम्मत मिलेगी :P वैसे मै उतनी ही असभ्य या अश्लील हूँ ,जितना की एक आम इंसान।हाँ हर किसी का पैमाना अलग-अलग हो सकता है :) आप मुझे अपनी पैमाने के हिसाब से माप ले।बाकी तो मैने माउंटेन ड्यू पी ली है।डर पर भी काबू पा लिया है।खुद को जानती ही हूँ।यात्रा को आगे बढाती हूँ। हॉलोवेर बीच के बाद हमलोग साउथ बीच पहुँचे।हॉलोवेर बीच से 15 -20 मिनट की दुरी पर होगा साऊथ बीच।साउथ बीच पर पार्किंग की बहुत मारा -मारी थी।पार्किंग भी 35 डॉलर की।हमने गाड़ी पार्क की और भगवान का नाम लेकर बीच की तरफ चल पड़े।यहाँ तो काफी भीड़ थी।सफ़ेद बालू धुप में चाँदी से चमक रहे थे।रोड के किनारे हॉटेल और दुकाने अटी पड़ी थी।थोड़ी गर्मी थी उस दिन।पानी में जा के आने के बाद हमलोग बीच पर ही बैठे हुए थे।पानी जैसा नीला आसमान हो।धुप की वजह से या फिर हॉलोवेर बीच की वजह से शतेश का सिर दुखने लगा था।दिन के 2 ;30 बज गए थे।शतेश बोले खाना खा लेते है।हमलोग वही पास में 10 मिनट की दुरी पर एक इंडियन रेस्टॉरेंट "कॉपर चिमनी " गए।हमने ,बेबी कॉर्न मन्चूरियन ,बिरयानी ,छोले भटूर और छाछ आर्डर किया।शतेश का सिर दर्द बढ़ गया था।खाना खा कर उन्होने सिर दर्द की दवा ली।अच्छा हुआ मै दवा साथ ले गई थी।मैंने हॉटेल चलने को बोला।शतेश बोले नही चलो बीच पर ही लेट लूंगा।ज्यादा ड्राइव का मन नही है अभी।हमलोग बीच पर वापस आ गये।शतेश आ कर लेट गए। मै फोटो क्लिकिंग में लग गई।आधे घंटे के बाद शतेश को कुछ आराम हो गया।तब -तक वहाँ एक मॉडल का फोटो शूट हो रहा था।लोग उसको देख रहे थे।उसके साथ फोटो ले रहे थे।बीच -बीच में वहाँ कुछ -कुछ चल रहा था ,जो हमलोगो के लिए सामन्य नही था।हमलोग शाम को कपडे बदलने के लिए बाथरूम साइड गए।वहाँ बहुत बड़ी लाइन थी।लोग गाड़ियों के बीच में या उनके पीछे ही चेंज कर रहे थे।किसी को की फर्क नही पड़ रहा था। कोई किसी को देख भी नही रहा था।मैन कोई ऑप्शन ना पाकर गाड़ी के अंदर ही दोनों तरफ से तौलिया लगा कर चेंज किया।शाम को बीच पर घूमने के बाद। हमलोग स्ट्रीट नंबर 9 गए।बीच से वाकिंग डिस्टेंस पर ही है।बहुत ही लाइवली।रेस्टॉरेंट ,लाइव म्यूजिक ,बार लोगो की भीड़ आह बहुत ही सुन्दर।हमलोग "मैंगोज़ " रेस्टॉरेन्ट में गए।वहाँ शोज हो रहे थे लैटिन डांस और म्यूजिक पर।पर पर्सन एक ड्रिंक लेना कंपल्सरी था।मैंने लेमोनेड विथ कोकोनट वाटर लिया।शतेश का मालूम नही। खाने को बींइंग वेजिटेरिअन हर जगह दिक्कत होता है।हमने वेजी पिज़ा का आर्डर दिया।चीज़ो के दाम ज्यादा थे।पर ठीक है ,म्यूजिक ,डांस सब उसमे ही था।बिल कुछ 135 डॉलर के आस -पास आया।वहाँ से हमलोग रात के 11 बजे तक निकल लिए।जैसे -जैसे रात बढ़ रही थी ,वहाँ भीड़ बढ़ रही थी।हमारा अगला हॉटेल कीवेस्ट के रास्ते में था।सुबह  कीवेस्ट के रास्ते में बहुत ट्रैफिक होती।इसलिए हमने कीवेस्ट जाने के रास्ते में ही हॉटेल बुक कर लिया था।अब तक हमारे सारे ट्रिप का सबसे सस्ता हॉटेल "लॉस वेगास" के बाद का।सिर्फ 45 डॉलर पर नाईट।रूम भी बहुत अच्छा ,ब्रेकफास्ट के भी ढेरो ऑप्शन।अमूमन हॉटेल में ब्रेकफास्ट के नाम पर सिर्फ ओट मील ,ब्रेड कंफ्लाक्स ,जूस ही होते है।पर यहाँ मफिन्स ,वफलस् ,फ्रूट्स ,डिफ़्फेरंट -डिफ़्फरेंट जूस ,कॉफी ,फ्रॉईड पोटैटो और भी बहुत कुछ।मुझे बहुत अच्छा लगा।मुझे तो डर था ,कि सस्ता है तो बकवास ना हो।पर इसका रिव्यु अच्छा था तो बुक कर लिया था।हमलोग ब्रेकफास्ट कर किवेस्ट के लिए निकल पड़े।आह बहुत ही सुन्दर ड्राइव थी वो।4 घंटे कैसे निकल गए मालूम ही नही चला। दोनों तरफ पानी बीच में सड़क और बादल ऐसे मनो नीचे की तरफ आ गए हो।हमलोग किवेस्ट पहुँचे।छोटा सा जगह पर बहुत साफ़ -सुथरा।छोटे -छोटे दूकान।रोड पर लाइव शोसज हो रहे थे।हमलोग एक पॉइंट पर गए जहां से "क्यूबा "90 माइल्स की दुरी पर था।समंदर के किनारे एक कोने पर सीमेन्ट का स्तूप जैसा बना था।उस पर 90 माइल्स टू क्यूबा ,साउदरन  मोस्ट  पॉइंट लिखा था।उसके साथ फोटो खिंचाने की लाइन लगी थी।एक तो गर्मी उसमे हमलोग भरी दोपहरी में पहुँचे थे। मैंने शतेश को बोला दूर से मतलब एक हाथ की दुरी से ही उसकी और मेरी फोटो ले लो।कौन एक घंटे लाइन में लगेगा।इसी बीच एक और मजेदार बात हुई।मियामी से किवेस्ट आते समय।बहुत ही प्यारा लाइट हॉउस जैसा दिखा।कुछ लोग वहाँ गाड़ी पार्क करके बैठे थे।मैंने शतेश को गाड़ी रोकने को बोला।हमने लेट ना हो इसलिए "चिपोटेले" मेक्सिकन रेस्ट्रोरेन्ट से खाना पैक करा लिया था।साथ में चिप्स पानी सब था।मैंने कहा हमलोग भी यही बैठ के खा लेते है और थोडे देर बाद चलते है।जब वहाँ पहुँचे एक लड़की ने मेरे स्कार्फ़ की तारीफ की और बोली बहुत ही अच्छे से बाँधा है ,तुमने।थैंक यू बोल कर हमलोग थोड़ा आगे चले गए।बहुत ही सुन्दर नजारा था।हमलोग एक दूसरे का फोटो लेने लगे।तभी वहाँ बैठे कुछ लोगो में से एक आदमी आया।बोला की अगर हमें कोई तकलीफ ना हो तो वो हमारी फोटो निकाल सकता है।उसने खुद को प्रोफेशनल फोटोग्राफर बताया।हमने उससे चार्ज पूछा तो ,बोला फॉर यू गायज इट्स फ्री।मेरी फ्रेंड को तुम्हारी वाइफ का टर्बन (स्कार्फ )अच्छा लगा। हमें क्या था.हमने उसे कैमरा दे दिया।सच में उसने बहुत प्यारी- प्यारी तस्वीरें निकली। हमें भी अपने कैमरे के इतने खूबी नही मालूम थी जितनी उसे।ये रही उसकी निकाली तस्वीर।
फोटो सेशन के बाद खाना खा कर हमलोग थोड़ी देर वही बैठे रहे।जब हम जा रहे थे। उस फोटोग्राफर ने हमें रोका। पूछा क्या तुमलोग न्यूली मैर्रेड हो।वैसे तो शादी के दो साल हो गए थे।पर मैंने हाँ कह दिया :)  उसने अपना कार्ड हमारी तरफ बढ़ाया। बोला आई आम अ डिवोर्स कंसलटेंट टू। मतलब मै तलाक भी करवाता हूँ।अगर हमें लगे तो उसे कॉल करे। हम दोनों हँस पड़े।शतेश बोले नो वी आर गुड,थैंक यू।और कार्ड नही लिया। मैंने कहा जल्दी भागो यहाँ से।नही तो आये थे साथ जायेंगे अलग -अलग।रात को हमलोग वापस हॉटेल पहुँचे।चेंज करके फिर साउथ बीच पहुंच गए।इस बार हमलोग हमने 9थ स्ट्रीट पर ही दूसरे रेस्टोरेंट गए।मुझे उसका नाम नही याद अभी।मेरा पेट भरा था ,तो सलाद आर्डर किया।शतेश ने बर्गर ,फ्रीइस आर्डर किया।भगवान सलाद के नाम पर दो चार टुकड़े गाजर और खीरे के बाकी पालक के पत्ते सरसों के सॉस के साथ।शतेश हँसते हुए बोले मना किया था ना सलाद मत मँगाओ।चलो एक और बर्गर आर्डर कर देता हूँ।हमलोग जब कल रात मैंगोज़ में गए थे एक लड़की मुझसे बात करने की कोशिश कर रही थी।पर मै शोर में उसको सुन नही पाई।शतेश पीछे से मेरे कंधे पर टैप करके बोले ,देखो शायद फोटो लेने को वो लड़की तुमसे बोल रही है।मैंने जब उससे पूछा तो उसने असल में मेरी ड्रेस की तरीफ के लिए बात की।शतेश का मुँह बन गया।क्योकि ये ड्रेस उन्हें उतनी पसंद नही थी।इसकी वजह इसका प्रिंट और रँग था।मैंने चहकते हुए शतेश को बोला देखा -देखा।शतेश अभी उसी का बदला सलाद के टाइम ले रहे थे।तपस्या जरुरी नही हर वक़्त तुम्हारी पसंद सही हो,देखा -देखा।हमलोग 1 बजे रात तक वहाँ रुके।अगले दिन जेट स्की किया।एवरग्लाड नैशनल पार्क गए।जहाँ  बोट पर बिठा के एक राइड पर ले गए।मगरमच्छ और क़ुछ विलुप्त हो रहे चिड़ियों को दिखाया।बॉट पर बैठी मै आस -पास के नज़रो से रिलेट करती हुई खुद को "हंगरी टाइड "की "पियाली रॉय" समझने लगी।जो बे ऑफ़ बंगाल में डोळ्लफिन पर रीसर्च करने आई होती है।फर्क ये था मै "तपस्या" हूँ और मै लुप्त हो रहे मगरमच्छ को देख रही थी।रात को हमारी वापसी की फ्लाइट थी।हमलोग फिर से पाम बीच पहुँचे।थोड़ा वहाँ घुमा और वापस एयरपोर्ट आगये।

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