Sunday, 29 March 2020

तुमसा नही देखा !!!

क्या था इस लड़के में जो मैं इसकी हँसी पर फ़िदा थी। थी नही हूँ ... जब दुनिया राजकपूर पर फ़िदा हो रही थी मुझे राजेंद्र कुमार लुभा रहें थे। जब लोग अमिताभ पर प्यार लूटा रहे थे तो मैं विनोद खन्ना की दीवानी थी और जब जनता राजेश खन्ना पर मर रही थी तब मुझे संजीव कुमार और शशि कपूर लुभा रहें थे।

शशि कपूर से अपनापन लगता जब कोई उसे कुकरदाँता कहता। ये बात पहले भी कई बार लिख चुकीं हूँ। ख़ैर आज इनकी याद एक गाने की वजह से आइ।
गाना फ़िल्म राजा साहब से है। गाने को सुनकर मै अपनी माँ को याद करने लगी। अरे घबड़ाइए मत गाना इतना भी बेकार नही की माँ की याद दिला दी कहवाहत शुरू हो जाए।
वो क्या है ना मेरी माँ ये गाना देख रही होती तो कहती ,” जा ये मलेछिन इतना अच्छा लड़का मना रहा आ तुमको नाटक सुझ रहा है”
माँ क्या कहती सोचते हुए मैं अपनी सोच पर गई की आख़िर शशि ने किया क्या जो नंदा से माफ़ी माँगना पड़ रहा है। तुरंत तफ़सिस के लिए फ़िल्म ढूँढीं गई। फ़िल्म शुरू हुई और पहली बार नंदा इतनी बुरी दिखीं। फ़िल्म भागते हुए गाने से ठीक कुछ पहले तक पहुँची तो देखा खाया- पिया कुछ नही ग्लास तोड़ा बारह। हँस-हँस के हालात ख़राब। पर मेरी हँसी नंदा को बुरी लगी और वो ख़फ़ा हो गई।

ख़ैर शशि कपूर हीं इतनी छोटी सी बात पर इतने भोलेपन से माफ़ी माँग सकतें हैं और शशि कपूर हीं किसी कुरूप का बुरी तरह से तिरस्कार कर सकतें है।

नोट:- आज इस फ़िल्म के गाने से पहले के कुछ सीन दुबारा देखे जैसे कभी द हाउस होल्डर के कई सीन सिर्फ़ शशि कपूर के लिए बैकवार्ड करके देखे थे।

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